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ठाणे, ठाणे रेलवे स्टेशन परिसर में घुसकर उत्पात मचानेवाले ऑटोरिक्शाचालकों का उत्पात अब थम जाएगा क्योंकि अब ऑटोरिक्शाचालकों को ठाणे रेलवे स्टेशन परिसर में एंट्री ही नहीं मिलेगी। परिसर में घुसनेवाले ऑटोरिक्शाचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी आरपीएफ, जीआरपी व ठाणे पुलिस के साथ-साथ ठाणे ट्रैफिक पुलिस को संयुक्त रूप से दी गई है। दावा किया जा रहा है कि इस से महिलाओं को ऑटोरिक्शाचालकों की छेड़छाड़ से मुक्ति मिल जाएगी।
ठाणे मनपा ने यात्रियों की सुविधा के लिए ठाणे रेलवे स्टेशन के पश्चिम में सैटिस बनाया है। सैटिस के ऊपर बस स्टॉप और नीचे ऑटोरिक्शा स्टैंड है। इसके बावजूद ऑटोरिक्शाचालक स्टेशन परिसर में घुस आते हैं। कई बार वे महिलाओं व दूसरे यात्रियों से बद्तमीजी भी करते हैं। इससे स्टेशन आने व बाहर निकलनेवाले यात्रियों को भी असुविधा होती है।
आमतौर पर ऐसे मामलों में यात्री जान ही नहीं पाते हैं कि शिकायत कहां करनी है। पुलिस भी हद का बहाना बनाकार कार्रवाई से बचने की कोशिश करती है।
ठाणे ट्रैफिक पुलिस के उपायुक्त बालासाहेब पाटील ने बताया कि एक विशेष बैठक में परेशानियों को ध्यान में रखकर अपनी-अपनी सीमा में कर्मचारियों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है। ठाणे नगर पुलिस स्टेशन के ५ कर्मचारी को सैटिस के ऊपर, ठाणे रेलवे और जीआरपी मिलाकर कुल २० कर्मचारियों को स्टेशन पर और ट्रैफिक पुलिस के सहायक निरीक्षक व ६ कर्मचारियों को सैटिस के नीचे इस प्रकार कुल ३६ कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा।


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