Latest News

मुंबई : महानगर में पब्लिक बस संचालन (बेस्ट) में लगे ड्राइवर और कंडक्टर तंबाकू उत्पादों की गिरफ्त में हैं। इससे कैंसर होने की संभावना बढ़ रही है। आलम यह है कि 13 प्रतिशत लोगों में कैंसर के शुरुआती लक्षण भी देखने को मिले हैं। यह बात सामने आई है टाटा अस्पताल द्वारा किए गए एक सर्वे रिपोर्ट में जिसे हाल ही में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है। 

तंबाकू की आदत और इससे होने वाली समस्या को समझने के लिए 4000 बेस्ट ड्राइवरों और कंडक्टरों का सर्वे किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, 42 प्रतिशत (1691) लोग तंबाकू का सेवन करते पाए गए, जबकि 18 प्रतिशत (743) लोगों में कैंसर के शुरुआती लक्षण दिखे। हालांकि क्लीनिकल जांच के बाद 13 प्रतिशत (534) लोगों में में कैंसर के शुरुआती लक्षण की पुष्टि हुई। बेस्ट प्रशासन के अनुसार, यह सर्वे उनके कर्मचारियों द्वारा तंबाकू उत्पाद छोड़ने के लिए चलाए गए एक प्रोग्राम हिस्सा है। इसके तहत अबतक 15 हजार लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए जागरूक किया जा चुका है। इसमें से 5 हजार लोगों ने तंबाकू का सेवन बंद भी कर दिया है। 

स्मोकलेस तंबाकू सबसे अधिक 

रिपोर्ट पर नजर डाले तो पता चलता है कि तंबाकू का सेवन करने वाले ये ड्राइवर और कंडक्टर सबसे अधिक बिना धुआं (स्मोकलेस तंबाकू) वाले तंबाकू का सेवन करते हैं। इसमें मुख्य रूप से खैनी, पान मसाला, गुटखा इत्यादि शामिल हैं। सर्वे करने वालों में शामिल डॉ. गौरवी मिश्र ने रिपोर्ट में लिखा है कि 1691 में से 1561 लोग (92 प्रतिशत) स्मोकलेस तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, मुख से जुड़े 90 प्रतिशत से अधिक कैंसर तंबाकू इस्तेमाल के कारण होता है। ऐसे में बेस्ट कर्मचारियों का इस तरह तंबाकू के गिरफ्त में पाया जाना अच्छे संकेत नहीं है। 

प्रतिबंध के बाद भी सेवन 

तंबाकू के खिलाफ काम करने वाली संबंध फाउंडेशन की आशिमा सरीन ने बताया कि सिगरेट ऐंड अदर टोबैको प्रॉडक्ट ऐक्ट (कोट्पा) के तहत सार्वजनिक स्थानों और परिवहनों में तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है। इतनी बड़ी संख्या में पब्लिक परिवहन से जुड़े लोगों का तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करना दर्शाता है कि इसके लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। 

टाटा अस्पताल के सिर और गले के कैंसर रोग विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि ज्यादातर ड्राइवर को लगता है कि तंबाकू का इस्तेमाल करने से ड्राइविंग के दौरान वह एलर्ट रहते हैं। हालांकि यह केवल एक भ्रम और गलत धारणा है। सच तो यह है कि तंबाकू के कारण उनकी स्टेमिना कम होने के साथ ही प्रॉडक्टिविटी पर भी असर पड़ता है। रिपोर्ट चौकाने वाला है, तंबाकू जागरूकता अभियान को लेकर और गंभीर होने की जरूरत है। 


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement