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भिवंडी : मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से छुटकारा दिलाने का कानून जहां मोदी सरकार पारित कर रही है, वहीं मुस्लिम बाहुल्य भिवंडी में एक इंजीनियर मुस्लिम युवक ने अपनी दिव्यांग पत्नी को व्हॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर तीन तलाक दे दिया। वह भी इसलिए क्योंकि महिला मायके से घर खरीदने के लिए १० लाख रुपए नहीं लाई। अपने ऊपर हुए इस अत्याचा०र की शिकायत महिला ने पुलिस महकमे व महिला मंडल में करते हुए पति सहित तीन लोगों पर मामला दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई है। हैरत की बात यह है कि मोबाइल पर दिए गए इस तलाक को मौलानाओं ने जायज ठहराया है।

भिवंडी के दीवानशाह दरगाह की रहनेवाली एक २३ वर्षीया दिव्यांग महिला का निकाह मुस्लिम रीति-रिवाज से १८ मई २०१४ को हुआ था। उसका शौहर टेक्निकल इंजीनियर है तथा कल्याण की किसी निजी कंपनी में कार्यरत है। शादी के कुछ दिन के बाद से ही शौहर के परिवारवाले न सिर्फ दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे बल्कि वह भी उसके चरित्र पर भी शक करने लगा। फिर भी ससुरालवालों की यातना को वह मुस्कुराते हुए पांच साल झेलती रही। महिला को एक चार साल का बेटा भी है। मांग पूरी न करने पर वह पत्नी की न सिर्फ पिटाई करता था बल्कि एक दिन वह धक्का मारकर उसे घर से निकाल दिया। इसके कुछ दिन बाद उसने व्हॉट्सऐप पर ट्रिपल तलाक का मैसेज भेजकर उसे तलाक तक दे दिया। महिला ने पुलिस महकमे को ज्ञापन देकर पति, सास, ससुर पर मामला दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई है। भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कल्याण करपे ने जल्द ही केस दर्ज करने की बात कही है। इधर व्हाट्सऐप पर तलाक को यहां के मौलानाओं ने भी जायज ठहराया है। यहां के मुफ्ती मो. हुजैफा काजमी ने कहा कि जिस तरह से मोबाइल पर बात करना, मैसेज भेजना सही है वैसे ही व्हॉट्सऐप पर तलाक देना भी जायज है।


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