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मीरा-भाईंदर : कहावत है कि अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो कोई न कोई सुराख छोड़ ही देता है। मीरा रोड रहने वाली दीप्ति पाटणकर ने अपने प्रेमी समाधान उद्धव पाषाणकर के साथ मिलकर बड़ी ही चालाकी से अपने पति प्रमोद पाटणकर की हत्या कर दी थी। हत्या को इस तरह अंजाम दिया गया था कि उनपर कोई शक न हो लेकिन 'लिपस्टिक' के एक निशान ने उन्हें कानून की गिरफ्त में पहुंचा दिया। 

दीप्ति और समाधान के बीच 2011 से प्रेम था। प्रमोद ने दोनों को एक बार रंगे हाथ पकड़ भी लिया था जिसके बाद दीप्ति ने पूरे परिवार के सामने दिखावटी माफी मांगी थी। एमबीए तक पढ़ी दीप्ति गोरेगांव के एक स्कूल में काम करती है। समाधान पुणे में रहता था और दीप्ति से मिलने मुंबई आता रहता था। बीते 15 जुलाई को दीप्ति और समाधान ने मौका देखकर प्रमोद की गला दबाकर हत्या कर दी। इससे पहले भी दोनों दो बार नाकाम कोशिश कर चुके थे। गौरतलब है कि दोनों ने इस हत्या की प्लानिंग बहुत पहले से कर रखी थी। 

हत्या वाले दिन सुबह 7 बजे पहले दीप्ति ने चाय में प्रमोद को बेहोशी की दवा मिलाकर पिला दी थी। फिर लगभग सुबह 8.30 बजे समाधान घर मे आया और प्रमोद की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या का शक उनपर न हो इसलिए उन दोनों ने घर में दो चाय की प्याली और बेडरूम में 2 कंडोम के पैकेट रख दिए थे, ताकि प्रमोद को कोई विवाहेत्तर संबंध जाहिर हो और शक उनपर न हो लेकिन चाय की एक प्याली पर लिपस्टिक के निशान ने पुलिस को दीप्ति तक पहुंचा दिया और पुलिस की पूछताछ में दीप्ति ने अपना सारा जुर्म कबूल लिया। 


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