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मुंबई : निचले कर्मचारियों की छुट्टी पर फैसला न लेना बाबुओं को इस हद तक भारी पड़ेगा, यह शायद सोचा भी नहीं होगा। बीएमसी कर्मचारियों की छुट्टी पर फैसला न लेने वाले करीब 2,000 उच्च अधिकारियों की पगार काट ली गई। बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी के आदेश के बाद यह फैसला लिया गया है। छुट्टियों पर फैसला लेने के बाद अगली पगार में उनकी रुकी सैलरी वापस दे दी जाएगी। 

अब तक केवल निचले स्तर के कर्मचारियों पर ही गाज गिरती थी। ये कर्मचारी अक्सर इस संदर्भ में आवाज उठाते थे। बीएमसी में काम करने वाले कर्मियों को छुट्टी लेने पर उसकी मंजूरी अपने ऊपर के बॉस से लेनी होती है। समय पर छुट्टी पर फैसला न होने से उन कर्मचारियों की पगार कट जाती है। ऐसे में, इनकी छुट्टियों पर फैसला न लेने वाले अधिकारियों की 10 प्रतिशत पगार रोक ली गई है। एक अधिकारी ने बताया कि जबसे पगार कटी है, तब से लगातार छुट्टियां मंजूर की जा रही हैं। 

गौरतलब है कि बायोमैट्रिक हाजिरी व्यवस्था लागू होने के बाद कर्मचारियों को छुट्टी के लिए सिस्टम में आवेदन करना होता है, जिसकी मंजूरी के आधार पर ही पगार जारी होती है। छुट्टी पर फैसला न होने पर उतने दिनों की पगार रोक ली जाती है। 

अधिकारियों द्वारा बीएमसी का ऐप तेजी से डाउनलोड किया जा रहा है। इसके द्वारा अधिकारी मोबाइल के द्वारा ही छुट्टी पर फैसला ले सकते हैं। इसके अलावा, मोबाइल से ही आधिकारिक ई-मेल भी जोड़ने का निर्देश दिया गया है जिससे तुरंत अधिकारियों तक संदेश पहुंचाया जा सके। 


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