स्कूटी सवार लड़की पर गिरा AIADMK का बैनर, ट्रक से दबकर हुई दर्दनाक मौत
तमिलनाडु के चेन्नई से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां स्कूटी सवार एक 23 साल की लड़की की कथित तौर पर बैनर गिरने से मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक 23 साल की लड़की पर AIADMK का अवैध रूप से लगा हुआ बैनर नीचे आ गिरा, जिसके कारण लड़की की जान चली गई. गुरुवार की दोपहर पल्लीकरनई में सड़क पर लगा AIADMK का एक अवैध बैनर स्कूटी से जा रही लड़की के ऊपर आ गिरा. बैनर काफी बड़ा था जिसके गिरने के बाद लड़की वहीं गिर गई, इसके बाद पीछे से आ रहे ट्रक ने लड़की को कुचल दिया. घटना में लड़की की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.
मृतक लड़की का नाम सुबाश्री बताया जा रहा है. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उसे क्रोमपेट सरकारी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वो दम तोड़ चुकी थी. पुलिस के अनुसार, सुबाश्री एक बीटेक ग्रैजुएट थी और क्रोमेट की रहने वाली थी. वो परीक्षा देने के बाद घर जा रही थी. उसने बेहतर और उच्च अध्ययन के लिए कनाडा जाने की योजना बनाई थी. पुलिस ने कहा कि दुर्घटना के वक्त लड़की ने हेलमेट नहीं पहना था. AIADMK के कार्यकर्ता सी जयगोपाल ने पल्लीकरनई में रेडियल रोड पर अपने बेटे की शादी के जश्न के लिए नेताओं के स्वागत में बैनर लगाए थे. लड़की की मौत के बाद ट्विटर पर #whokilledsubashree ट्रेंड करने लगा और लोगों ने जमकर गुस्सा निकाला. मद्रास उच्च न्यायालय ने अवैध बैनरों के खिलाफ कई आदेश पारित किए हैं. 2017 में, अदालत ने जीवित व्यक्तियों वाले होर्डिंग्स और फ्लेक्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और कई अन्य दलों ने नियमों का बार-बार उल्लंघन किया है. बैनर के कारण मौत की यह पहली घटना नहीं है बल्कि इससे पहले भी यहां कई घटनाएं हो चुकी हैं. नवंबर, 2017 में एमजीआर शताब्दी वर्ष समारोह के लिए कोयम्बटूर में सत्तारूढ़ AIADMK द्वारा लगाए गए एक बैनर से टकराने के बाद 30 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ रघुपति कंदासामी की मौत हो गई थी. हादसे के बाद ट्रक ड्राइवर मनोज पर आईपीसी की धारा 279, 336, 304 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में सेंट थॉमस माउंट ट्रैफिक इन्वेस्टिगेशन टीम जांच कर रही है. एक्टिविस्ट ट्रैफिक रामास्वामी ने पल्लीकरनई पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई है जिसमें कहा गया है कि सड़क पर अवैध बैनर लगाने के मामले से संबंधित पुलिस अधिकारी, निगम विभाग के अधिकारी और सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों जैसे गलत अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.