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कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में अहमदाबाद कोर्ट से आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड मिली है. दोनों आरोपियों को गुजरात के अहमदाबाद से उत्तर प्रदेश के लखनऊ लाया जाएगा. इन्हें बुधवार देर रात में या गुरुवार सुबह लखनऊ लाया जाएगा.
बता दें, कमलेश तिवारी हत्या मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद मंगलवार को गुजरात एटीएस की टीम ने हत्या को अंजाम देने वाले अशफाक और मोइनुद्दीन को गिरफ्तार किया था. गुजरात एटीएस की टीम ने इन दोनों को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार किया. अशफाक जहां रोहित सोलंकी बन कर तो मोइनुद्दीन संजय बन कर कमलेश तिवारी के पास पहुंचे थे.
पूछताछ में अशफाक और मोइनुद्दीन ने गुजरात एटीएस के सामने अपना गुनाह कुबूल करते हुए हत्या करने की बात मान ली. गुजरात एटीएस के सूत्रों की मानें तो दोनों आरोपी सूरत में हत्या के बाद से अपने एक दोस्त के संपर्क में थे. कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उन्होंने किसी एक मोबाइल नंबर पर इसकी तस्वीरें भेजी थीं. हालांकि, फिलहाल यह नंबर आरोपियों के मोबाइल में नहीं होने की बात भी जांच में सामने आई है.
हिंदू नेता कमलेश तिवारी की हत्या 18 अक्टूबर को भयावह तरीके से की गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि तिवारी को 15 बार चाकू मारा गया था और उसके बाद चेहरे पर गोली मारी गई थी. उनका गला रेतने की कोशिश की गई थी. हत्यारे तिवारी को किसी भी हाल में जीवित नहीं छोड़ना चाहते थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चाकू शरीर के ऊपरी हिस्से में मारा गया, जो जबड़े से छाती तक केंद्रित था. गले पर दो गहरे घाव के निशान थे, जो गले को रेतने के प्रयास का संकेत देते हैं. हमलावरों ने उन्हें गोली मारी, ऐसा उन्होंने जीवित नहीं बचने देने के इरादे से किया. गोली उनके चेहरे पर मारी गई और उनका पोस्टमार्टम कर रहे डॉक्टरों ने उनकी खोपड़ी के पिछले हिस्से से गोली निकाली.


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