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मुंबई : महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी सरकार के ऊपर से संकट के बादल छंटते नजर नहीं आ रहे हैं। मंत्रियों को पोर्टफोलियो बांटने में करीब एक महीने की देरी के बाद अब खबर आई है कि कई मंत्री अपने पोर्टफोलियो से खुश नहीं हैं। साथ ही उन्हें कैबिनेट में सीटिंग अरेजमेंट से भी समस्या है। कैबिनेट मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री के बगल में बैठने को लेकर मंत्रियों में खींचतान जारी है। मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग के दौरान कांग्रेस नेता और कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण और एनसीपी नेता छगन भुजबल में बैठने को लेकर बहसबाजी हो गई। दरअसल मुख्यमंत्री जब कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता करते हैं तो उनके आसपास बैठने वाले मंत्रियों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर सीट आवंटित की जाती है। छगन भुजबल को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीब बैठाए जाने से कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण नाराज हो गए। उनका मानना था कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते छगन भुजबल (एक पूर्व उप मुख्यमंत्री) से ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए था। हालांकि छगन भुजबल ने सीट को लेकर हुए ऐसी किसी बहस से साफ इनकार किया।

भुजबल ने कहा, 'चव्हाण तो मेरे ही चैंबर में थे, क्योंकि अभी उन्हें चैंबर अलॉट नहीं हुआ है। हम तो साथ-साथ ही कैबिनेट मीटिंग में गए थे।' इससे पहले शिवसेना नेता और राजस्व राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार ने कैबिनेट मिनिस्टर न बनाए जाने को लेकर नाराजगी जताई थी और इस्तीफे की पेशकश की थी। बता दें कि लंबी खींचतान के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने छह मंत्रियों के साथ 29 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। मुख्यमंत्री को अपने शुरुआती मंत्रियों को पोर्टफोलियो बांटने में 14 दिन लग गए। इसके 18 दिन बाद उन्होंने कैबिनेट विस्तार किया और उसके भी 5 दिन बाद बाकी मंत्रियों में विभाग बांटे। 


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