Latest News

मुंबई : पूर्व बीजेपी विधायक नरेंद्र मेहता के खिलाफ एट्रोसिटी और बलात्कार का मामला दर्ज कर सुर्खियों में आईं बीजेपी नगरसेविका नीला सोंस एक बार फिर चर्चा में हैं। जाति प्रमाण-पत्र निरीक्षण समिति, मुंबई उपनगर ने नीला के जाति प्रमाण पत्र (अनुसूचित जाति) को फर्जी पाते हुए उन पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि इस मामले में शिकायतकर्ता पूर्व राज्यमंत्री रविंद्र चव्हाण थे। 

फरवरी में मीरा-भाईंदर मनपा के महापौर चुनाव में अपनी दावेदारी ठोककर सोंस ने सबको चौका दिया था। सोंस ने अपना दावा इसी प्रमाण-पत्र के आधार पर किया था। गौरतलब है कि महापौर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। महापौर पद का चुनाव और सोंस द्वारा पूर्व विधायक के खिलाफ बलात्कार के मामले की टाइमिंग भी सवालों के घेरे है। राजनीतिक जानकार दोनों घटनाओं का एक साथ होना कोई इत्तेफाक नहीं मानते हैं और दोनों को एक साथ जोड़कर देखते हैं।


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement