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कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर एक अच्छी खबर है। अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) स्टीफन बैंसेल ने कहा कि अगर नवंबर में वैक्सीन के तीसरे चरण के मानव परीक्षण का सकारात्मक परिणाम सामने आ जाता है तो अमेरिकी सरकार दिसंबर में इसके आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे सकती है। मंगलवार को बैंसेल ने एक समाचार पत्र के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगर तीसरे चरण के परीक्षण का पयार्प्त अंतरिम परिणाम आने में देर होगी तो अगले साल तक वैक्सीन के आने की उम्मीद नहीं है।

मॉडर्ना ने जुलाई में 30000 वालंटियर पर तीसरे चरण का मानव परीक्षण शुरू किया था। परीक्षण के दौरान 50 फीसदी वालंटियर को वैक्सीन का डोज दिया गया और शेष वालंटियर को प्लैसेबो दिया गया। कंपनी के सीईओ का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के प्रभाव को जांचने वाली इसकी पहली विश्लेषण रिपोर्ट नवंबर में आ सकती है लेकिन यह कब तक आयेगी यह सुनिश्चित नहीं है। 

दरअसल पहली अंतरिम विश्लेषण रिपोर्ट इस आधार पर तैयार होती है कि पूरे परीक्षण के दौरान 53 वालंटियर लक्षण वाले कोरोना संक्रमित हुये या नहीं। अगर इन 53 लोगों में वैक्सीन लेने वाले व्यक्तियों की संख्या प्लैसेबो लेने वाले व्यक्तियों से उल्लेखनीय रूप से कम हुई तो कंपनी फिर वैक्सीन की मंजूरी के लिए आवेदन करेगी।

कंपनी के सीईओ ने बताया कि अगर पहले अंतरिम विश्लेषण में वैक्सीन का प्रभाव पयार्प्त नहीं रहा तो वह दूसरा विश्लेषण तब करेगी, जब 106 वालंटियर में संक्रमण के लक्षण दिखायी देंगे। इसमें दिसंबर तक का समय लग सकता है और तब ऐसी स्थिति में अगले साल जनवरी के अंत तक या फरवरी के  शुरुआती सप्ताह में मंजूरी मिल सकती है।

बैंसल ने बताया कि वैक्सीन सुरक्षित है या नहीं, यह पता करने के लिए उसे परीक्षण में शामिल कम से कम 50 फीसदी वालंटियर की सुरक्षा की दो माह तक निगरानी करनी जरूरी है और तब ही वह आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन कर सकती है। इस काम के भी नवंबर के अंतिम सप्ताह तक पूरा होने की उम्मीद है। अगर मॉर्डना तत्काल इसके बाद आवेदन कर देती है तो आवेदन की जांच करने में कुछ सप्ताह लगेंगे और फिर दिसंबर में निर्णय सामने आ जायेगा।


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