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मुंबई : लॉकडाउन का सबसे अधिक असर सोने की लेनदेन करने वाले व्यापारियों पर पड़ा है। सोने के गहने बनाने वाले कई कारीगर लॉकडाउन के दौरान लंपास हो गए। जिनका अनलॉक होने के बाद भी कोई पता नहीं है। ऐसे में ग्राहक और व्यापारी दोनों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इन कारीगरों को आभूषण बनाने के लिए दिया गया सोना वापस नहीं मिला है। इस तरह की शिकायतें शहर के कई पुलिस स्टेशनों में दर्ज की गई हैं।

दक्षिण मुंबई स्थित कालबादेवी, गिरगांव, झवेरी बाजार, पायधुनी सहित कई जगहों पर सोने के आभूषण कारखाने हैं जहां बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के अधिकतर कारीगर काम करते हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया। इसके कारण सभी लेनदेन रुक गए थे। काम न होने से कई कारीगर भूखे मर रहे थे, इसलिए सरकार ने उन्हें उनके संबंधित राज्यों में घर जाने की व्यवस्था की, लेकिन समस्या यह है कि कारीगर गांव तो गए लेकिन कई अभी तक मुंबई नहीं लौटे हैं। सोने के कुछ बड़े व्यापारी और साथ ही छोटे व्यापारी इन कारीगरों को विश्वास में लेकर सोना देते हैं। कई व्यापारियों का सोना जिन्होंने मार्च में या इससे पहले सोना दिया था, वे उन्हें वापस नहीं मिल पाए हैं क्योंकि कारीगर गांव से लौटे ही नहीं हैं। व्यापारी चिंतित नजर आ रहे हैं क्योंकि व्यापारियों के पास इन कारीगरों का कोई पता नहीं है और कई लोगों का संपर्क टूट गया है। लोकमान्य तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में एक कारीगर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जो मुंब्रा में अपने कारखाने और घर को बंद कर ८.५ लाख रुपये का सोना लेकर फरार हो गया।


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