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मुंबई : मुंबई सहित पूरे राज्य में कोरोना की दूसरी लहर उफान पर है। वायरस अब सभी वर्ग के लोगों को अपनी जाल में लपेट रहा है। चेहरा बदलता वायरस अब मासूमों पर भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों का आंकलन करे तो मार्च में 1 से 10 वर्ष के मासूम मुंबई में रोजाना जहां 41 बच्चों को संक्रमित कर रहा है, वहीं राज्य में रोज औसतन 500 बच्चे कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 1 से 20 वर्ष के 55,000 बच्चों और युवा वर्ग मार्च महीने में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। इसमें से करीब 15,500 बच्चे एक से दस वर्ष के हैं। जबकि 39500 युवा वर्ग संक्रमित हुए हैं, जिनकी उम्र 11 से 20 वर्ष है।

स्टेट सर्विलांस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप आवटे ने बताया कि लॉकडाउन में शिथिलता होने से लोग बाहर आने-जाने लगे। इस दौरान हुए नियमों के उल्लंघन से वे कोरोना की चपेट में आ गए। इसके बाद वे जाने अनजाने में परिवार में कोरोना करियर साबित हो गए। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मार्च में भले ही मामले बढ़े है, लेकिन बच्चों को ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी पड़ी। केईएम अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि बच्चों की इम्युनिटी अच्छी होती है। बच्चों में सर्दी बुखार के सौम्य लक्षण मिलते हैं, 3 से 4 चार दिन में उनकी रिकवरी हो जाती है।

सायन अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के डॉ़ यशवंत गबाले ने बताया कि दूसरी लहर में भी पहली लहर की तरह बच्चों के मामले सामने आ रहे हैं। रोजाना कोरोना संक्रमित 4 से 5 बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, लेकिन इनमें कोरोना के सौम्य लक्षण पाए जाते हैं। तुरंत उपचार शुरू होने से वे ठीक भी हो जाते हैं। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मार्च महीने में 0 से 9 वर्ष के 1285 और 10 से 19 वर्ष के 4045 युवा कोरोना से संक्रमित हुए हैं।


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