भिंडी बाजार का पुनर्विकास, १३ गगनचुंबी इमारतों के साथ शॉपिंग मॉल
मुंबई, दक्षिण मुंबई के घने व पुराने इलाके भिंडी बाजार के पुनर्विकास
का बेड़ा अब पार होगा। देश की सबसे बड़ी क्लस्टर डेवलपमेंट परियोजनाओं में
शामिल ‘भिंडी बाजार क्लस्टर डेवलपमेंट परियोजना’ की शुरुआत से स्थानीय
बोहरा समाज के लोगों में खुशी का माहौल था। वे १०० साल पुराने और भीड़-भाड़
वाले इस बाजार से निकलकर नए जमाने की ऊंची इमारतों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
की कल्पना कर रहे थे। ७ वर्ष पहले इस परियोजना का काम शुरू हुआ था। कुछ
वर्षों बाद एक फेज के अलावा बाकी के चार फेज का काम रुकने से लोग चिंता में
आ गए। क्योंकि वहां पुरानी जर्जर इमारतों में रहनेवाले लोग मौत के साये
में जी रहे हैं। लेकिन अब लोगों की चिंता को मनपा ने मिटाने का निर्णय लिया
है। भिंडी बाजार में मनपा अपने २४ छोटे-छोटे भूखंडों के बदले दक्षिण मुंबई
क्षेत्र में ही लोगों को स्थानांतरित करने को तैयार हो गई है। इस संबंध
में एक प्रस्ताव बुधवार को सुधार समिति में पेश हुआ, जिसे सर्वसम्मति से
मंजूरी भी दे दी गई।
इस प्रस्ताव में मनपा अपने २४ अलग-अलग भूखंडों के
लिए विकासक की ओर से मांडवी और भूलेश्वर में स्थानांतरित होने के लिए सहमत
हो गई है। यहां मनपा को दो टॉवर मिलेगा। जहां मनपा के इन भूखंडों पर ४२४
किराएदारों को शिफ्ट किया जाएगा। मांडवी मंडल के बाबुल टैंक रोड पर ४,०९७
वर्ग मीटर क्षेत्रफल की इमारत में १३७ घर और ८३ दुकानें हैं, तो भूलेश्वर
संभाग में मौलाना आजाद मार्ग स्थित ४४७.७० वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली इमारत
में १५४ मकान और ५० दुकानें हैं। विकासकों के साथ समझौते के बाद मनपा को २१
करोड़ रुपए भी मिलेगा।
इस परियोजना का विकास सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट
ट्रस्ट के द्वारा न फायदा, न नुकसान की तर्ज पर किया जा रहा है। विकासक ने
मनपा को उक्त भूखंड छोड़ने के लिए मांडवी और भूलेश्वर की जगह का प्रस्ताव
दिया था, जो वहां से एक से डेढ़ किमी दूरी पर उपलब्ध है। सुधार समिति ने
साइट का निरीक्षण कर प्रताव को मंजूरी दी है।
सात वर्षों पहले भिंडी
बाजार मेगा क्लस्टर डेवलपमेंट परियोजना की शुरुआत हुई थी। १६.५ एकड़ में
पैâले भिंडी बाजार को ५ चरण में विकसित करने की योजना है। कुल १३ टॉवर बनाए
जाने हैं। इसके लिए ४ हजार करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। सैफी
बुरहानी ट्रस्ट की ओर से विकास किया जा रहा है। सैयदना मोहम्मद
बुरहानुद्दीन के ८ लोग इस ट्रस्ट में शामिल हैं। पहले चरण में २ इमारतों को
बनाने का काम पूरा कर लिया गया। इसमें ६१० परिवार और १२८ दुकानों के
मालिकों को शिफ्ट भी किया गया।