मोक्ष के भ्रम में मिली मौत, रुपहले स्क्रीन पर लोग देखेंगे कहानी
मुंबई, देश भर में हर साल सवा लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या करते हैं। आमतौर पर आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक एवं शैक्षणिक वजहों से ऐसा होता है लेकिन खुदकुशी के कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिनकी वजहें झकझोरने वाली होती हैं। दिल्ली के बुराड़ी में हुई सामूहिक खुदकुशी की घटना भी कुछ ऐसी ही थी। जिस जमाने में इंसान चंद्रमा और मंगल तक पहुंच गया है, सूर्य की गर्मी नापने की कोशिश कर रहा है, उस युग में बुराड़ी में एक परिवार के ११ लोगों ने ग्रह-नक्षत्रों एवं तंत्र-मंत्र द्वारा मोक्ष के चक्कर में पड़कर मौत को गले लगा लिया था। बुराड़ी के एक मकान में हुई ११ लोगों की मौत खुदकुशी थी या हादसा इस पर आज भी रहस्य बना हुआ है परंतु किसी न किसी वजह से यह मामला अक्सर आत्महत्या की वजह समझी जा सकती है।
बहुचर्चित बुराड़ी सामूहिक खुदकुशी कांड एक बार फिर चर्चा में आ गया है। दिल्ली सहित पूरी दुनिया को दहलानेवाली इस घटना की कहानी रुपहले पर्दे पर दोहराई जाएगी। लोग जल्द ही ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर इस सनसनीखेज घटना को देख सकेंगे। ‘बुराड़ी केस’ पर बनी सीरीज ‘हाउस ऑफ सीक्रेट्स’ का टीजर बीते शुक्रवार को जारी कर दिया गया। इस अनसुलझे केस पर फिल्ममेकर लीना यादव ने डॉक्यूमेंट्री सीरीज ‘हाउस ऑफ सीक्रेट्स- द बुराड़ी डेथ्स’ बनाई है, जो नेटफ्लिक्स पर ८ अक्टूबर को रिलीज की जाएगी। घटना को कवर करने वाले पत्रकार, जांच करनेवाले पुलिस अधिकारी, पड़ोसियों से मिली जानकारी और विशेषज्ञों से चर्चा के आधार पर इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज में लोगों को उक्त झकझोरने वाले केस की वास्तविकता बताने का प्रयास किया जाएगा।
वर्ष २०१८ के जुलाई महीने का पहला दिन राजधानी दिल्ली सहित पूरी दुनिया को दहलानेवाला था। उस दिन दिल्ली के बुराड़ी स्थित संत नगर इलाके में गली संख्या-२ स्थित मकान नं. १३७ अचानक सुर्खियों में आ गया। उक्त मकान में ११ लोगों की लाश जो मिली थी। मृतकों में ७ महिलाएं, ४ पुरुष थे, जिनमें से २ नाबालिग थे। मृतकों में एक महिला का शव रोशनदान से तो ९ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रील से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। ये लाशें मकान में रहनेवाले ललित भाटिया के परिजनों की थीं। ललित तथा उनकी पत्नी को छोड़कर बाकी सभी लोगों के हाथ, पैर और मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी। मृतकों की शिनाख्त में ७७ वर्षीया नारायण देवी, ५० वर्षीय भावनेश, ४५ वर्षीय ललित, ५७ वर्षीया बहन प्रतिभा, भावनेश की ४८ वर्षीय पत्नी सविता, उनके बच्चे २५ वर्षीय निधि, २३ वर्षीय मीनू, १५ वर्षीय ध्रुव, ललित की ४२ वर्षीया पत्नी टीना, उनका १५ वर्षीय बेटा शिवम और ३३ वर्षीया भांजी प्रिंयका के रूप में हुई।
पुलिस ने २ जुलाई को जब सीसीटीवी वैâमरे की फुटेज खंगाली तो घर में रात १०:३० बजे के बाद कोई बाहरी व्यक्ति जाता हुआ नहीं दिखा। वहीं, जांच के दौरान पुलिस को घर से ललित द्वारा लिखी गई कई डायरियां मिलीं। डायरियों से पता चला कि ललित यह दावा करता था कि उस पर मृत पिता की आत्मा आती है। वह आत्माओं के कथित दिशा निर्देश पर डायरी में अपने क्रियाकलाप लिखता था। इसमें १ जुलाई की घटना के बारे में भी लिखा था। इस मामले में ४ जुलाई को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आधिकारिक तौर पर मौत का कारण दम घुटना और आत्महत्या माना गया। साथ ही, फर्श पर ललित की मां की लाश पड़ी थी। पुलिस की रिपोर्ट में मौत का कारण सामूहिक आत्महत्या माना गया।