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मुंबई, लखीमपुर खीरी में किसानों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर देशभर में गुस्सा जताया जा रहा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी के बाद से भाजपा विरोधी आक्रामक हो गए हैं। हालांकि, अब तक न तो केंद्र सरकार और न ही उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले पर कोई टिप्पणी की है। इस घटना पर राकांपा नेता शरद पवार ने भी रोष जताया है। केंद्र सरकार हो या उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार, यह असंवेदनशील सरकार है, ऐसी भावना पवार ने व्यक्त की है। इस संबंध में उन्होंने दिल्ली में मीडिया से बातचीत की। पवार ने इस हिंसा की निंदा की और कहा कि मासूमों की मौत के लिए भाजपा की केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकारें पूरी तरह जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ विरोध करने से हमें शांति नहीं मिलेगी, इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश के माध्यम से की जानी चाहिए। ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए। इस तरह की घटना से केंद्र सरकार की नीयत का पता चलता है। आज भाजपा की सरकार है इसलिए वह आवाज दबाने की कोशिश कर रही है लेकिन यह सफल नहीं होगा। सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है। शरद पवार ने कहा कि किसानों, आप पर भले ही हमला हुआ हो, हम आपके साथ हैं। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार संवेदनशील नहीं है। यह घटना ऐसी ही है, जैसी जलियांवाला बाग में हुई थी।
किसान आंदोलन के बारे में बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि किसानों का एक बड़ा वर्ग दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा है, लेकिन २६ जनवरी को उन पर हमला किया गया, जिसकी प्रतिक्रियाएं पूरे देश में देखने को मिलीं। लोकतंत्र में शांति पूर्वक अपना विचार रखने का सभी को अधिकार है। बता दें कि लखीमपुर में जमा हुए किसान भी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे लेकिन उनके ऊपर गाड़ी चढ़ा दी गई और कई किसानों की मौत हो गई। इस अप्रिय घटना की पवार ने क़ड़े शब्दों में निंदा की है।


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