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मुंबई, यदि रात को सोते समय आपको गहरी नींद नहीं आती और सुबह उठने पर आप थकावट महसूस करते हैं तो सावधान हो जाएं। आप टाइप-२ डायबिटीज मेलिट्स से पीड़ित हो सकते हो। रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया द्वारा प्रकाशित एक आम सहमति-पत्र में इस बात का खुलासा किया गया है कि जिन लोगों को टाइप-२ डायबिटीज मेलिट्स हुआ है, उनमें से ५०ज्ञ् से ज्यादा मरीज स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं।
मेडिकल अफेयर्स, एशिया एवं लैटिन अमेरिका, रेसमेड के प्रमुख डॉ. सिबाशीष डे ने कहा कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, जिसे ओएसए भी कहा जाता है, यह सोते समय सांस लेने में तकलीफ से जुड़ी समस्या है, जिसका प्रमुख लक्षण है नींद के दौरान ऊपरी सांस-नली में बार-बार रुकावट आना, इससे रात को चैन की नींद सोने में बाधा उत्पन्न होती है। सोते समय खर्राटे लेना, ओएसए से पीड़ित व्यक्तियों में स्पष्ट रूप से नजर आनेवाले लक्षणों में से एक है। इसके चलते व्यक्ति सुबह उठने के बाद थका हुआ महसूस करता है और उसका काम करने में मन नहीं लगता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया लंबे समय तक बरकरार रहने पर टाइप-२ डायबिटीज के साथ-साथ दिल की बीमारी एवं मोटापे जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है।
हिंदुस्थान में १०० में से ७ लोग टाइप-२ डायबिटीज मेलिट्स से पीड़ित हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो लगभग ७७ मिलियन लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। अनुमानों के अनुसार वर्ष २०४५ तक यह संख्या लगभग दोगुनी होने की उम्मीद है इसलिए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए अपने नींद के पैटर्न की नियमित रूप से जांच करना, नियमित तौर पर शारीरिक व्यायाम करना, खान-पान की अच्छी आदत डालना तथा डायबिटीज की दवाइयों का समय पर सेवन करना बेहद महत्वपूर्ण है।

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