Latest News

मुंबई, कुछ महीनों पहले टीबी बीमारी से ग्रसित होकर जीने की आस छोड़ चुके २३ लोग अब समाज में मिसाल बन चुके हैं। अपने हौसले के दम पर इन लोगों ने पहले टीबी को हराया और अब दूसरों को भी टीबी को मात देने का गुर सिखा रहे हैं। जी हां, मनपा टीबी अस्पताल के ये २३ मरीज अब ‘सक्षम साथी’ बन चुके हैं। मुंबई में जगह-जगह जाकर इन लोगों ने टीबी के मरीजों को इलाज के लिए प्रोत्साहित किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने उनके अंदर इतना हौसला भर दिया कि ज्यादातर मरीज अब सही दवाई का सेवन कर ठीक होने की ओर अग्रसर हैं। इनके काम को देखते हुए मनपा ने अब प्रत्येक वार्ड में इनकी तरह समुपदेशक नियुक्त करने का पैâसला किया है।
मनपा के टीबी अस्पताल में इलाज करवा रहे ये मरीज कुछ दिनों पहले बीमारी से ठीक हुए थे, लेकिन इन लोगों ने मनपा के साथ ही टीबी उन्मूलन के लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की। जिसके बाद मनपा ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस संस्थान (टीस) के साथ मिलकर इनकी इच्छा शक्ति को सही दिशा में ले जाने का काम किया। ‘सक्षम साथी’ टीम बनाई गई। पहले चरण में २३ लोगों को नियुक्त किया गया और टाटा संस्था की तरफ से इन्हें प्रशिक्षित किया गया। इन्हें मानधन के रूप में १० हजार रुपए प्रति महीने देने का निर्णय भी लिया गया।
इन सभी की नियुक्ति प्रायोगिक तौर पर की गई थी लेकिन प्रशिक्षण के बाद जब ये मैदान में उतरे तो उन्होंने अपने अनुभव के सहारे समाज में टीबी के मरीजों को इतने बेहतरीन तरीके से समझाया कि उनमें भी टीबी के खिलाफ लड़ने का हौसला कूट-कूट कर भर गया। टीबी उन्मूलन की राह इनके चलते आसान हो रही है, जिसे देखते हुए मनपा ने सभी २४ वॉर्डों में यह अभियान तेज करने का निर्णय लिया है और सक्षम साथी का चयन भी किया जाएगा।
मुंबई के ९ जिला केंद्रों पर इन्हें तैनात किया गया। इनका मूल उद्देश्य टीबी रोगियों को सार्थक तरीके से विकृत मनोदशा से उबारना, अन्य टीबी रोगियों को सार्थक तरीके से संलग्न करना, संबंधित रोगियों को टीबी उपचार पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करना था।


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement