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मुंबई: पूरे महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से मीरा-भायंदर शहर चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके पीछे की वजह भी यही है। महाराष्ट्र खासकर मुंबई में मराठी और अमराठी के बीच विवाद छिड़ गया है। मीरा रोड के एक व्यापारी की मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी के मुद्दे पर पिटाई कर दी। मनसे का कहना है कि महाराष्ट्र में रहने और व्यापार करने के लिए मराठी बोलना अनिवार्य है। कुछ अमराठी लोगों ने मनसे के इस रुख पर आपत्ति जताई। एक व्यापारी ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को सीधे तौर पर चुनौती दी थी कि वह मराठी नहीं बोलेंगे। इस पर बड़ा विवाद छिड़ने के बाद इस व्यापारी ने सार्वजनिक रूप से राज ठाकरे से माफी मांगी थी। दूसरी ओर मीरा भायंदर में बड़ा हंगामा देखने को मिला। इसके बाद अब खबर आ रही है कि राज ठाकरे खुद मीरा रोड के दौरे पर जाएंगे। इस दौरे के दौरान राज ठाकरे किन लोगों से मिलेंगे? क्या वे लोगों को संबोधित करेंगे? राज ठाकरे के मन में आखिर क्या है? इस मौके पर कई सवाल उठ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज ठाकरे 18 जुलाई को मीरा रोड आएंगे। 

मीरा रोड क्यों सुर्खियों में?

मीरा भायंदर में मनसे कार्यकर्ताओं की ओर से एक व्यापारी की पिटाई के बाद वहां के व्यापारियों ने इस घटना पर आपत्ति जताई। मीरा रोड के व्यापारियों ने संबंधित व्यापारी के समर्थन में शहर बंद का आह्वान किया। इतना ही नहीं व्यापारियों ने शहर में एक बड़ा मार्च भी निकाला। इस मार्च ने हिंदी और मराठी भाषियों के बीच बहस को फिर से सुलगा दिया। इस मार्च के जवाब में मनसे और शिवसेना ठाकरे गुट और महाराष्ट्र एकीकरण समिति की ओर से एक संयुक्त मार्च निकालने का निर्णय लिया गया था। लेकिन पुलिस ने इस मार्च को रोक दिया। दरअलस संभावित खतरे को देखते हुए पुलिस ने मनसे पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया।

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