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मुंबई : महाराष्‍ट्र कैबिनेट ने मुंबई को पुणे से जोड़ने वाली हाइपर लूप परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी है। पूरी तरह से विदेशी तकनीक पर आधारित इस सेवा को साकार करने के लिए करीब 70,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस पूरी परियोजना को पूरा होने में 6 से 7 वर्ष लगेंगे। मुंबई से पुणे की 117.50 किलोमीटर की दूरी तय करने में आज तीन से चार घंटे में लगते हैं, लेकिन हाइपर लूप से यह दूरी महज 23 मिनट में पूरी हो की जाएगी। इस परियोजना के लिए डीपी वर्ल्ड एफजेडई और हाइपर लूप टेक्नालॉजीज, आइएनसी की भागीदारी घोषित की है। इस परियोजना पर 70,000 करोड़ की लागत का अनुमान है जो सीधे विदेशी निवेश से पूरा की जाएगी। हाइपर लूप की रफ्तार 496 किमी प्रतिघंटे हैं। यानी मुंबई-पुणे के बीच की पूरी दूरी महज 23 मिनट में पूरी की जा सकेगी। 

पहले चरण में 5,000 करोड़ रुपये खर्च कर 11.80 किमी लंबी पथदर्शी परियोजना का पुणे महानगर में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। पथदर्शी परियोजना अगले दो से ढाई साल में पूरी हो जाएगी। उसके बाद बाकी योजना को पूरा किया जाएगा। मुंबई-पुणे की हाइपर लूप परियोजना पूरी होने से देश के परिवहन क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आने की उम्मीद है।  गौरतलब है कि मुंबई में आयोजित मैग्नेटिक महाराष्ट्र कार्यक्रम में अमेरिका के वर्जिन समूह ने महाराष्ट्र सरकार के साथ मुंबई और पुणे के बीच हाइपर लूप परिवहन प्रणाली के निर्माण के लिए एमओयू किया था। तब वर्जिन ग्रुप के चेयरमैन रिचर्ड ब्रैन्सन ने कहा था कि पहला हाइपर लूप मार्ग मध्य पुणे को मुंबई के अलावा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी जोड़ेगा। 


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