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मुंबई  : इसी साल मार्च में ब्रिटेन के एक अखबार ने भारत से करोड़ों रुपये का घोटाला कर भागे हीरा व्यापारी नीरव मोदी को लंदन की सड़कों पर टहलते पकड़ा था तो हड़कंप मच गया था। हालांकि, ताजा जानकारी से यह बात सामने आई है कि भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उस वक्त यह बात न सिर्फ पता था कि नीरव लंदन में हैं बल्कि उसके एक-एक कदम पर नजर भी रखी जा रही थी। यह सब मुमकिन था एडमन्ड डांटेस नाम के एक शख्स की बदौलत, जो और कोई नहीं, खुद नीरव मोदी था।

दरअसल, ईडी की एक टीम को मोदी के मुंबई स्थित ऑफिस में छापेमारी के दौरान एडमन्ड की ईमेल आईडी मिली। उसके बाद से ईडी की टीम ने करीब दो हफ्ते तक उसके हर कदम पर नजर रखी। इसी दौरान उन्हें इस आईडी से जुड़ा 'एडमन्ड डांटेस' का फेसबुक अकाउंट मिला। आखिरकार अगस्त 2018 में टीम को एक बड़ी कामयाबी मिली।

फेसबुक अकाउंट से फंसा
लॉस एंजिलिस में एक दोस्त से बात करते हुए एडमन्ड ने लिखा, 'हाई, मैं नीरव। मैं फेसबुक पर ऐक्टिव नहीं हूं, इसलिए इस नाम से हूं।' यह देखकर ईडी के होश उड़ गए। अभी तक ईडी को लग रहा था कि एडमन्ड मोदी का कोई नजदीकी था। हालांकि, नीरव की पत्नी एमी के एडमन्ड की प्रोफाइल पर फ्रेंड होने से ईडी का शक और गहरा हो गया। ईडी ने यह जानकारी स्कॉटलैंड यार्ड के साथ शेयर की और कुछ हफ्तों में मोदी के लंदन में मूवमेंट का मैप भी दिया।

यूं मिल जाती थी सारी जानकारी
एडमन्ड की ईमेल आईडी नीरव के फोन और कई ऐप्स से लिंक थी। इससे ईमेल आईडी पर कई नोटिफिकेशन और रसीदें आती थीं जिससे न सिर्फ यह पता चलता था कि नीरव लंदन में है, बल्कि यह भी कि वह कहां-कहां आता-जाता है। नीरव चाहे सलून जाए, डिनर पर या यूरोप के किसी भी हिस्से में होटेल रूम बुक करे, भारत में बैठे-बैठे ईडी को इसकी जानकारी मिल जाती थी।

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