Latest News

मुंबई : महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ ने आम लोगों को झकझोर कर रख दिया है। अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। खासकर पश्चिम महाराष्ट्र में भयावह बाढ़ से 329 गांवों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। करीब एक लाख हेक्टयेर खेती बर्बाद हो गई है। बचाव कार्य में एनडीआरएफ की कुल 21 टीमें लगी हुई हैं। कोल्हापुर में डोनियर एयरक्राफ्ट से लोगों को शिफ्ट किया गया। बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की 70 टीमें तैनात की गई है। राज्य के मुख्य सचिव अजोय मेहता ने 2,52,813 लोगों को बाढ़ से बचाने का दावा किया है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सरकार ने 154 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। अजोय मेहता ने मीडिया को बताया कि कोल्हापुर, सांगली और सातारा में बाढ़ से प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद की जा रही है। बाढ़ से पानी उतरने के बाद नई चुनौती सामने आएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति परिवार 10 हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में प्रति परिवार 15 हजार रुपये दिए जाएंगे। लोगों को पैसे देने के लिए जिला अधिकारियों को 154 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को 10-10 किलो चावल और गेहूं देने की मंजूरी दी है। इस संबंध में जारी शासन निर्णय (जीआर) के सवाल पर मेहता ने कहा कि सन 2008 में जारी जीआर में सात दिन का प्रावधान था। 2017 में इसे दो दिन किया गया। यह एक नॉर्म्स का एक भाग है। चूंकि सांगली, सातारा और कोल्हापुर में दो दिन से अधिक पानी जमा हुआ है, ऐसे में कोई भी मदद से वंचित नहीं रहेगा। 

अभी तक राज्य में कुल 1007 मिलीमीटर बारिश हुई है। पिछले 4 अगस्त से कोल्हापुर में 124 प्रतिशत, सांगली में 223 प्रतिशत और सातारा में 181 प्रतिशत बारिश हुई है। यह सवा दो गुनी बारिश है। बचाव कार्य में एनडीआरएफ की कुल 21 टीमें लगी हुई हैं जिसमें कोल्हापुर में 6 और सांगली में 16 टीमें लगाई गई है। एनडीआरएफ की एक टीम में कुल 40 लोग होते हैं। 

ओडिशा और पंजाब के भटिंडा से एनडीआरएफ की 5-5 टीम को एयरलिफ्ट किया गया है। गुजरात से 3 टीम भी प्रभावित इलाकों में पहुंची है। एसडीआरएफ की 2 टीम कार्यरत है। इसके अलावा नेवी की 14 टीम तैनात है। उनके पास बड़ी-बड़ी बोट है, जिनके जरिए राहत और बचाव कार्य जारी है।  मुख्य सचिव मेहता ने बताया कि असली चुनौती पानी उतरने के बाद की होगी। इसके लिए भी सरकार ने व्यापक तैयारियां की है। पीने का पानी सप्लाई करने के लिए टैंकर की व्यवस्था की है। लोगों को बांटने क लिए एक करोड़ क्लोरीन की गोलियां भेजी गई हैं। पानी उतरने पर यातायात की व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष दस्ते तैनात किए गए है। बिजली आपूर्ति के लिए महावितरण की कुल 32 टीम कार्यरत है। जहां ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं, उन्हें सुधारने के बजाय उन्हें सीधा बदला जाएगा। बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की 70 टीम तैनात है। प्रत्येक टीम में एक डॉक्टर और 3 नर्स हैं। कोल्हापुर में 12 हजार और सांगली में 5 हजार ऐंटि स्नैक वेनम भेजे गए हैं। लेप्टो पर नियंत्रण के लिए कोल्हापुर में 12 लाख और सांगली में पांच लाख गोलियां भेजी गई हैं। 


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement