सुप्रीम कोर्ट का फैसले ऐतिहासिक - अजमेर दरगाह के दीवान
जागरण संवाददाता, जयपुर। Ayodhya Verdict.अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विश्व प्रसिद्ध अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस निर्णय को हम स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि फैसले से किसी की हार या जीत नहीं हुई है, यह न्याय व्यवस्था की जीत है।
दरगाह दीवान ने कहा कि सभी पक्षों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानते हुए भाईचारे को बढ़ाने के साथ ही एकता बनाए रखनी चाहिए। दरगाह दीवान ने कहा कि इस फैसले का पूरे देश को सम्मान करना चाहिए और इसे स्वीकार करते हुए अब देश की तरक्की और विकास की राह पर आगे बढ़ाना चाहिए।
उधर, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का फैसला आने के बाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन लोगों के बीच जाकर अमन शांति कायम रखने की अपील कर रहे हैं। राजस्थान की अधिकांश मस्जिदों में शनिवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां इमाम ने मुस्लिम समाज के लोगों को एकता और अमन का पाठ पढ़ाया। अजमेर दरगाह और जयपुर की अधिकांश मस्जिदों में देश में अमन-चैन की दुआ मांगी गई। जयपुर शहर के शास्त्री नगर स्थित मस्जिद में इमाम अरशद ने दोपहर की नमाज पढ़ने आए नमाजियों से कहा कि कई साल पुराने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसका सभी को सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने लोगों से कहा कि वे चैन और अमन को बिगाड़ने वाली किसी भी कोशिश में शामिल नहीं हों और आपस में भाईचारा कायम रहे,इस बात का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को तहेदिल से सम्मान करना चाहिए। जयपुर के शहर काजी खालिद उस्मानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कानून के अधीन है, उसे सभी को स्वीकार करना चाहिए। सबसे जरूरी चीज है आपसी भाईचारा और अमन चैन वह कायम रहना चाहिए।
उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की कि वे असामाजिक तत्वों एवं उपद्रव फैलाने वालों से दूर रहें। जयपुर के अराध्यदेव गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने सभी से आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वोच है। प्रदेश के अधिकांश मंदिरों में शनिवार को भक्तों से शांति बनाए रखने की अपील की गई।