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मुंबई. (विनोद यादव). देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना महामारी के शुरुआती दो महीने यानी अप्रैल-मई में आपराधिक घटनाएं 125 प्रतिशत बढ़ीं। हालांकि, इन दो महीनों में मार्च महीने की तुलना में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में 49.78 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। दूसरी ओर जनवरी से मई महीने के दौरान 398.63 करोड़ रुपए के आर्थिक अपराध के कुल 14 मामले दर्ज हुए। मुंबई पुलिस कोरोना संकट के बावजूद इन सभी मामलों को सुलझाने में कामयाब रही।

मई में दर्ज हुए 2,532 मामले, 72 फीसदी सुलझे और 27 फीसदी अनसुलझे रहे
मुंबई में मई महीने में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट, वसूली, चोरी,रेप, छेड़खानी,  विनयभंग, और क्रेडिट कार्ड फ्रॉड सहित कुल 2,532 मामले और अप्रैल महीने में 5,703 मामले दर्ज हुए। इस तरह अप्रैल और मई के दौरान कुल 8,235 मामले दर्ज हुए जबकि मार्च महीने में 3,660 मामले दर्ज हुए थे। देश में लॉकडाउन 25 मार्च को लगा। उसकी तुलना में अप्रैल-मई महीने में आपराधिक घटनाएं 125 फीसदी बढ़ीं। मई महीने में 72.20 फीसदी ( 1,828 मामले) मामले पुलिस सुलझाने में सफल रही जबकि 27 फीसदी ( 704 मामले) अनसुलझे रहे। अप्रैल महीने में मुंबई पुलिस ने 5,703 मामले में से 89.65 फीसदी ( 5,113 मामले) सुलझा लिए थे, जबकि 10.35 फीसदी ( 590 मामले) नहीं सुलझ पाए थे।

महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले घटने के बावजूद दो महीने में रेप की 36 वारदात हुई
कोरोनावायरस का संक्रमण जब मार्च महीने में मुंबई में फैलना शुरु हुआ था, तब महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 452 मामले दर्ज हुए थे। इसके बाद अप्रैल में 89 मामले और मई में 138 मामले महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्ज हुए। इस तरह मार्च की तुलना में अप्रैल-मई में करीब 50 प्रतिशत (225 मामले) कम घटनाएं दर्ज हुईं। इसके बावजूद आईपीसी की धारा 376 के तहत मई में रेप के 19 और अप्रैल में 17 मामले दर्ज हुए। इस तरह कोरोना महामारी के दौरान भी मुंबई में रेप की 36 वारदात हुई। जिसमें 9 नाबालिग लड़कियां भी दुष्कर्म का शिकार बनीं। ध्यान रहे कि मार्च में 73 और फरवरी में 70 रेप की घटनाएं घटी थीं।

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