Latest News

ठाणे : ठाणे निवासी चौदह वर्षीय सुमेद चंद्रा साल 2015 में नौवीं का छात्र था। फेल होने के डर से वह घर से भाग गया था। करीब चार साल बाद ठाणे पुलिस की मदद से उसे खोज निकाला गया और दसवीं में ऐडमिशन दिलाया गया। गायब होने के बाद वह केटरिंग में नौकरी करने लगा था और पढ़ाई से बहुत दूर हो गया था। लेकिन घर लौटने के बाद सुमेद ने पढ़ाई पूरी करने की ठानी और इस वर्ष दसवीं की परीक्षा में उसे 79.40% अंक मिले। सुमेद की इस सफलता पर परिवार के अलावा ठाणे पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर सहित अनैतिक मानव तस्करी विरोधी सेल के सीनियर पीआई रविंद्र दौडकर की टीम ने खुशी जताई है। विशेष श्रेणी में परीक्षा पास करने वाला सुमेद सॉफ्टवेयर इंजिनियर बनना चाहता है। सुमेद की एक बहन आर्किटेक्ट है और दूसरी फॉर्मासिस्ट। 

मूल रूप से यूपी के इलाहाबाद स्थित फूलपुर के सोरांव तहसील के व्यवसायी फूलचंद्र अपने परिवार के साथ ठाणे के वर्तकनगर स्थित वसंत विहार में रहते हैं। 27 मार्च, 2015 को सुमेद घर से दूध लेने गया था और फिर वापस नहीं लौटा। एकमात्र बेटे के गायब होने से फूलचंद्र मानसिक रूप से परेशान हो गए थे। पांच दिन बाद 1 अप्रैल को अज्ञात युवक ने फूलचंद्र चंद्रा को फोन कर बेटे की रिहाई के लिए एक लाख रुपये की मांग की थी। चंद्रा की शिकायत पर वर्तकनगर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला था कि उनका चंद्रा के बेटे के गायब होने से कोई संबंध नहीं था। एक जगह पोस्टर देख उस पर लिखे नंबर पर फोन कर सिर्फ रुपयों के लिए चंद्रा को फोन किया था। लड़के का पता नहीं चल पाया था। बाद में कोर्ट के आदेश से मामला ठाणे पुलिस की अपराध शाखा को जांच के लिए दिया था। 

अपराध शाखा के एसीपी भरत शितोले के सेवानिवृत होने के बाद मामले की छानबीन अनैतिक मानव तस्करी विरोधी सेल के सीनियर पीआई रविंद्र दौडकर कर रहे थे। इसी बीच चंद्रा के घर पर नवी मुंबई के नेरुल स्थित एसबीआई बैंक का एक पत्र आया था, जिसमें लापता सुमेद चंद्रा का बैंक अकाउंट बैंक में खोले जाने की सूचना थी। बैंक अकाउंट ओपनिंग का वह पत्र पुलिस के लिए अहम सुराग बना था और उसके बाद पुलिस टीम बैंक पहुंची थी और फिर छानबीन कर सुमेद को अपने कब्जे में लिया था और उसे परिवार को सुपुर्द किया था। पूछताछ में सुमेद ने बताया था कि नौंवी की परीक्षा में उसे फेल होने का संदेह था और डांट के डर से वह भाग गया था। सुमेद नेरुल में एक दोस्त के साथ रहता था और कैटरिंग में बतौर वेटर काम करता था। फूलचंद्र के मुताबिक, आयुक्त विवेक फणसलकर सहित पुलिस अधिकारियों ने सुमेद का बहुत हौसला बढ़ाया था और उसे सभी तरह की मदद की बात कही थी, जिसका अच्छा परिणाम देखने को मिला। 


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement