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भारत में संसद द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसको लेकर किसानों के द्वारा गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड भी निकाली गई, जिसने हिंसात्मक रूप धारण कर लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जबरन लाल किले की प्रचीर से किसान संगठनों और धार्मिक झंडे फहरा दिए। इसकी हर तरफ निंदा की गई। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में खालिस्तान समर्थकों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानी झंडे लहराए। 

भीड़ में कई लोगों के हाथों में 'खालिस्तान' के झंडे भी थे। उन्होंने इस दौरान भारत विरोधी नारे भी लगाए। वाशिंगटन के प्रमुख प्रदर्शनकारियों में से एक, नरेंद्र सिंह ने कृषि कानूनों को भारत के मानव अधिकारों और लोकतंत्र का उल्लंघन कहा। उन्होंने कहा कि हम हर साल 26 जनवरी को काला दिवस के रूप में मनाते हैं, लेकिन इस साल हम भारत में किसानों के साथ एकजुटता से खड़े हैं।  विरोध करने वाले कुछ सदस्य अक्सर भारत विरोधी प्रदर्शनों में नियमित रूप से एक अलग खालिस्तान राज्य के लिए बल्लेबाजी करते रहे हैं। एक महीने पहले वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा पर खालिस्तान का झंडा लहराया गया था। इस बार दूतावास और गांधी प्रतिमा के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।


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