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मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्थिति बदतर होती जा रही है। आंकड़े बढ़ने के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही है। लेकिन आंकड़ों के इतर देखें तो उत्तर प्रदेश और बिहार में कोरोना की स्थिति खतरनाक तरीके से बढ़ रही है। आर्गनाइज्ड मेडिसिन एकेडमिक गिल्ड ने चेताया है कि अगर समय पर नहीं संभले तो वहां भी महाराष्ट्र जैसे हालात हो सकते हैं।

संगठन के महासचिव डॉ. ईश्वर गिलाडा ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना के सर्वाधिक मरीज सामने आ रहे हैं। आंकड़ों के आधार पर देखें, तो यूपी और बिहार की स्थिति खतरनाक होती जा रही है। उन्होंने कहा कि 10 मार्च को यूपी में मात्र 121 कोरोना मरीज मिले थे, लेकिन 8 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 8000 से अधिक हो गई है।

वहीं, उस अवधि में बिहार में 44 मरीज थे और 8 अप्रैल तक यह संख्या 2000 से ज्यादा हो गई है। यूपी और बिहार में कोरोना संक्रमण 50 फीसदी की दर से बढ़ रही है। महाराष्ट्र में जहां, देश के कुल संक्रमितों के 70 फीसदी मरीज मिलते थे वहां अब यह संख्या करीब 42 फीसदी रह गई है।

पहले देते थे यूपी की मिसाल, अब बिगड़े हालात

डॉ. गिलाडा ने कहा कि महाराष्ट्र से दोगुनी जनसंख्या होने के बावजूद यूपी में अच्छी तरह से कोरोना प्रबंधन किया गया था। इसलिए हम यूपी से कोरोना से निपटने के उपाय सीखने की बात कहते थे। लेकिन, पिछली बार आसानी से उबरने के बाद प्रदेश ने कोई सीख नहीं ली। इसलिए कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। 


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