जमानत पर छू टे बलात्कारियों ने की हत्या
मुंबई, देश में बलात्कार की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। लंबी
कानूनी प्रक्रिया के पीड़ित पस्त हो जाते हैं, कई बार आरोपियों को कम सजा
मिलती है या फिर वे छूट भी जाते हैं लेकिन इतना तय है कि पीड़िता को इंसाफ
देरी से और मुश्किल से मिलता है। इस बीच आरोपी आसानी से जमानत पर छूट जाते
हैं और वे पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करते हैं। उन पर शिकायत वापस लेने के
लिए दबाव डालते हैं। यानी आरोपियों को एक और गुनाह करने की कानूनी मोहलत
मिल जाती है। ऐसे ही दो मामले इन दिनों सामने आए हैं, जिनमें एक पीड़िता को
बचाने के प्रयास में एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं एक अन्य मामले
में अपनी बेटी को उसके गुनहगारों का दोबारा शिकार बनने से बचाने के लिए एक
पीड़ित बाप खुद हत्यारा बन गया। उसने बेटी के बलात्कारी को मौत के घाट उतार
दिया।
पहली घटना यूपी के शामली जिले की है, जहां एक युवती को अगवा करने
वालों का विरोध करने के कारण एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी। अपहर्ता
युवती को जबरन अपने साथ जंगल की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उस
वक्त वहां मौजूद पीड़िता की बहन ने शोर मचाया तो उसका पड़ोसी अजय वहां पहुंच
गया। वह पीड़िता को आरोपियों से छुड़ाने का प्रयास करने लगा, जो कि आरोपियों
को नागवार लगी। उन लोगों ने युवती को छोड़ दिया और उसकी मदद के लिए वहां
पहुंचे पड़ोसी अजय को जंगल में खींच ले गए। वहां उन लोगों ने अजय को गोली
मार दी।
पुलिसिया जांच में पता चला है कि अपहर्ता आरोपी ने दो साल पहले
पीड़िता का रेप किया था। उस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। वह
हाल ही में जमानत पर छूटकर आया था। वह पीड़िता और उसके परिवार पर केस वापस
लेने के दबाव बना रहा था। लेकिन पीड़िता के परिजन सुलह नहीं कर रहे थे और
अजय केस की पैरवी करने में उसकी मदद कर रहे थे। पीड़िता से रेप के मामले में
अजय गवाह भी था। यह बात आरोपी को नागवार लग रही थी। आरोपी पहले ही अजय पर
खुन्नस रखे हुए थे। दुष्कर्म के मामले में पैरवी करने की वजह से आरोपी अजय
पर पहले भी तीन-चार बार हमला करवा चुका था। करीब एक साल पहले हाथ में गोली
मारकर थाने में पीड़ित पक्ष के खिलाफ जानलेवा हमला करने का झूठा मुकदमा दर्ज
कराने का प्रयास किया था।
बलात्कार पीड़ित परिवार को मानसिक रूप से
प्रताड़ित करना गुजरात के एक आरोपी की मौत का कारण बन गया। राजकोट के संत
कबीर रोड निवासी आरोपी ने करीब दो साल पहले गांव की एक नाबालिग लड़की को
प्रेम जाल में फंसा लिया था और वह अक्टूबर, २०२० में उसे भगा ले गया। वह
पीड़िता के साथ जूनागढ़ में रह रहा था। पीड़िता के पिता ने इसकी शिकायत पुलिस
में दर्ज कराई थी। कुछ दिनों तक लड़की का पता नहीं चला तो पीड़ित पिता ने
हाईकोर्ट में गुहार लगाई। इसके बाद पुलिस ने लड़की का पता लगाया था। वह कथित
प्रेमी के साथ जूनागढ़ के मानवादार कस्बे में रह रही थी। मार्च २०२१ में
पुलिस उन्हें लेकर वापस आई। प्रेमी को नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार
के आरोप में गिरफ्तार किया था लेकिन हाल ही में वह जमानत पर छूट गया था।