महिला ने दिया बंद लिफाफा, की ५० लाख रुपए की मांग
मुंबई, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपी एटीएस द्वारा ६ संदिग्ध आतंकियों की गिराफ्तारी के बाद पूरे देश में दहशत का माहौल है। इसी बीच आर्थिक तंगी का सामना कर रहे कुछ लोगों ने नक्सलवादियों के नाम पर एक डॉक्टर को डराकर ५० लाख रुपए वसूलने की साजिश रची थी। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट-१२ ने उक्त नल्ले नक्सलियों को गिरफ्तार करके उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
बता दें कि गोरेगांव-पूर्व में एक प्रतिष्ठित डॉक्टर का क्लिनिक है। क्लिनिक में स्थित डॉक्टर के भाई की दवाई की दुकान है। १५ सितंबर को दोपहर में एक बुर्काधारी महिला दवाई की दुकान में आई थी। वहां डॉक्टर के भाई को डॉक्टर के नाम पर एक बंद लिफाफा सौंपकर वह महिला चली गई। ७६ वर्षीय डॉक्टर ने जब रात में लिफाफा खोला तो घबरा गए। लिफाफे में ‘लाल सलाम संगठन’ के नाम पर एस.के. मादोरे द्वारा हस्तलिखित पत्र था, जिसमें डॉक्टर से ५० लाख रुपए की मांग की गई थी। पैसे न देने पर डॉक्टर व उनके बेटे को कत्ल करने की धमकी दी गई थी। घबराए डॉक्टर ने वनराई पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा दी।
रंगोली ने बताया की उसका परिवार आर्थिक रूप से परेशान है। वे लोग डॉक्टर के क्लिनिक पर दवा लेते हैं, इसलिए उन्हें डॉक्टर की अच्छी आर्थिक स्थिति की जानकारी थी। उन्होंने यू-ट्यूब पर डॉक्टर से वसूली का उपाय तलाशा तथा आगे की साजिश रची थी। यूनिट-१२ की टीम ने रंगोली के अलावा विरार निवासी रंगी लाल और इम्तियाज (दोनों नाम बदले हुए) नामक दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गंभीर माहौल में इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए क्राइम ब्रांच यूनिट १२ की ४ टीमों ने समानांतर जांच शुरू की। डीसीपी दत्ता नलावड़े के मार्गदर्शन व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक महेश तावडे के नेतृत्व में यूनिट-१२ की टीम ने उस रास्ते के सीसीटीवी फुटेजों की जांच की जहां से महिला गुजरी थी। इस तरह यूनिट-१२ की टीम नई मुंबई के घनसोली में रहनेवाली संदिग्ध बुर्काधारी महिला रंगोली (बदला हुआ नाम) तक पहुंच गई।