मुंबई, यूपी-बिहार और दूसरे पिछड़े राज्यों में कंपाउंडरों द्वारा मरीजों का इलाज करने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं लेकिन अब ऐसे ‘मुन्ना भाई’ फर्जी डॉक्टर अब मुंबई में भी पैर पसारने लगे हैं, इसका खुलासा मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की जांच में हुआ है। क्राइम ब्रांच की यूनिट- 7 फर्जी डॉक्टरों की गिरफ्तार किया है, जो फिल्म मुन्ना ‘भाई एमबीबीएस’ की तर्ज पर बोगस सर्टिफिकेट की बदौलत मरीजों का इलाज कर रहे थे। आरोपियों में एक महिला भी शामिल है।
बता दें कि यूनिट-7 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मनीष श्रीधनकर को घाटकोपर-पूर्व स्थित रमाबाई आंबेडकर नगर इलाके में 3 बोगस डाक्टरों द्वारा इलाज के नाम पर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करने की जानकारी मिली थी। डीसीपी दत्ता नलावड़े के मार्गदर्शन में इन डॉक्टरों के क्लिनिक पर फर्जी मरीज भेज कर इसकी पुष्टि की गई, बाद में पीआई प्रिया थोरात के नेतृत्व में एपीआई महेंद्र दोरकर की टीम ने छापेमारी करके तीनों फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया। इन डॉक्टरों का मेडिकल प्रमाण पत्र महाराष्ट्र मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडियन मेडिसीन में पंजीकृत नहीं था। वहीं इनमें से दो लोग सिर्फ बारहवीं तक पढ़ें हैं और वे पहले डॉक्टरों के पास कंपाउंडरी करते थे। जबकि एक अन्य महिला बीएएमएस द्वितीय वर्ष की छात्रा है। महिला आरोपी जोगेश्वरी की जबकि पुरुष आरोपी विक्रोली और घाटकोपर के रहनेवाले हैं।


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