ठाणे, नवरात्रि का त्योहार आनेवाला है। मूर्तिकार नवरात्रोत्सव के लिए देवी की मूर्तियों के निर्माण में लग गए हैं, लेकिन ‘इंद्र’ देव के कोप से देवी मूर्तियों को सुखाने में परेशानी हो रही है। इससे मूर्तिकार परेशान हैं। पिछले कुछ दिनों से बरसात ने मूर्तिकारों के कारोबार पर पानी फेर दिया है। इतना ही नहीं, मूर्तिकारों ने बताया कि मूर्तियों की दर में २५ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बता दें कि नवरात्रि उत्सव आगामी ७ अक्टूबर से शुरू होनेवाला है। समय कम होने के कारण मूर्ति को समय पर बनाने के लिए उन्हें मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं बारिश न थमने की वजह से मूर्ति को सुखाना मुश्किल हो रहा है। मूर्तिकारों के लिए परेशानी यह है कि मूर्ति को जल्द-से-जल्द वैâसे सुखाया जाए? मूर्तिकारों द्वारा मूर्तियों को सुखाने के लिए विभिन्न विकल्प अपनाए जा रहे हैं। मूर्तिकारों ने कहा कि इसके लिए हेलोजन या भट्ठी का उपयोग करना पड़ रहा है, वहीं पेंटिंग का काम भी चल रहा है। डेढ़ से चार फीट की मूर्ति बनाने का काम चल रहा है। मूर्तिकार अरुण बोरितकर ने कहा कि ढाई से साढ़े तीन फुट की मूर्तियों की मांग ज्यादा है। इस साल मूर्तियों के दाम और बढ़ गए हैं। बोरितकर ने कहा कि मूर्तियों पर हीरे लगाए जाने के कारण मूर्तियों की कीमत भी अधिक है। डेढ़ फुट की मूर्ति की कीमत ढाई हजार रुपए, जबकि चार फुट की मूर्ति की कीमत १२ हजार रुपए है।
तीन दिनों से मूर्तियों की बुकिंग चल रही है। सार्वजनिक मंडलों की मूर्तियों की मांग घरेलू मूर्तियों की तुलना में अधिक है। घर में नवरात्रि उत्सव मनानेवालों की संख्या बेहद कम है। मूर्ति विक्रेता सचिन मोरे ने कहा कि सार्वजनिक मंडलों की ओर से टेंभीनाका की प्रसिद्ध देवी की तरह मूर्तियों की मांग की जा रही है।




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