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मुंबई, महाराष्ट्र पहले से ही भारत के विकास का इंजन रहा है, और आगे भी रहेगा। ऐसा प्रतिपादन जल संसाधन मंत्री जयंत पाटील ने किया है। उन्होंने कहा कि विकास को गति देने के लिए, हम सबको कार्यक्षमता बढ़ानी होगी। महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा वालचंद मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष संतोष मंडलेचा, उपाध्यक्ष ललित गांधी, आशीष पेडणेकर, अनिल कुमार लोढा, शुभांगी तिरोडकर, रवींद्र माणगावे, संजय दादलिया आदि उपस्थित थे। जल संसाधन मंत्री पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र आजादी से पहले से ही देश के विकास का इंजन रहा है। महाराष्ट्र को भौगोलिक स्थिति का लाभ मिलता रहा है।
मुंबई बंदरगाह के विकास के कारण विदेशी निवेशक मुंबई को तरजीह देते थे लेकिन अब देश के कई शहरों में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं इसलिए देश के अन्य राज्यों में निवेश किया जा रहा है। हालांकि आज भी विदेशी और घरेलू निवेशकों द्वारा महाराष्ट्र को ही पसंद किया जाता है और भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा।
राज्य के विकास को और गति देने के लिए बंदरगाहों की संख्या बढ़ानी होगी। अगर वाढवण और विजयदुर्ग में बंदरगाहों का निर्माण पूरा हो जाता है, तो विकास को और गति मिलेगी। राज्य के विकास को गति देने के लिए विभिन्न बुनियादी ढांचों का सरकार निर्माण कर रही है। इससे मुंबई से विभिन्न शहरों की दूरी और कनेक्टिविटी कम हो रही है। इससे विकास को और गति मिलेगी, ऐसा पाटील ने कहा। उद्यमियों और अनुसंधान संस्थानों को एक साथ आकर इन मुद्दों पर विचार करना चाहिए कि इस बारे में और क्या किया जा सकता है। पाटील ने कहा, इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव देना चाहिए।

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