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मुंबई, लोकल ट्रेन से गिरकर जान गंवानेवाले करीब १,३०० लावारिस शवों को आज भी अपने वारिस का इंतजार है। जीआरपी पुलिस इन लावारिस शवों के वारिस का पिछले तीन वर्षों से इंतजार कर रही है। तीन वर्षों में ५,०२५ यात्रियों ने अपनी जान गंवाई है, इनमें सबसे ज्यादा पुरुषों की संख्या है।
मुंबई की लाइफ लाइन कही जानेवाली मुंबई लोकल से प्रतिदिन लाखों यात्री यात्रा करते हैं। इस दौरान कई यात्री ट्रेन से गिरकर या फिर पटरी क्रॉस करते हुए ट्रेन की चपेट में आ जाते हैं। कभी-कभी ट्रेन दुर्घटना में यात्रियों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। चर्चगेट से दहाणू, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से कर्जत, कसारा और पनवेल तक ५,०२५ यात्रियों ने अपनी जान गंवाई है। मृतकों में ४,४४३ पुुरुष और ५८२ महिलाओं का समावेश है।
मुंबई सहित आस-पास के जिलों में रहनेवाले यात्री प्रतिदिन पश्चिम रेलवे और सेंट्रल लाइन व हार्बर लाइन से सफर करते हैं। इन तीनों मार्गों पर रोजाना ३८ लाख यात्री सफर करते हैं। इन मार्गों पर पिछले तीन वर्षों में ५,०२५ यात्रियों की जान गई है, इनमें सर्वाधिक २,६४९ मौतें मध्य रेलवे के मार्ग पर हुई हैं। मध्य रेलवे के बाद पश्चिम रेलवे दूसरे तो हार्बर लाइन तीसरे स्थान पर है।

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