हादसों को रोकने एवं ट्रैक मॉनिटरिंग के लिए रेलवे सर्विलांस ड्रोन का सहारा
मुंबई, त्योहारों के सीजन को देखते हुए रेलवे स्टेशनों पर होनेवाली भीड़ को नियंत्रित करने, किसी भी तरह की आपदा या हादसों को रोकने एवं ट्रैक मॉनिटरिंग के लिए रेलवे सर्विलांस ड्रोन का सहारा लेने जा रही है। इस ड्रोन के जरिए रेलवे को स्टेशनों पर हो रही भीड़ को कंट्रोल करने सहित भगदड़ या अन्य हादसों को रोकने में काफी मदद मिलेगी, इसकी शुरुआत पश्चिम रेलवे से की जा रही है।
त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है और ऐसे में बड़ी संख्या में लोग मुंबई से अपने गांवों की तरफ जाना शुरू हो गए हैं। इस दौरान स्टेशनों पर काफी भीड़ होने लगी है, जो धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी। इसी भीड़ को नियंत्रण करने और इसके चलते हादसों को टालने के लिए सर्विलांस ड्रोन के जरिए पश्चिम रेलवे संवेदनशील जगहों पर नजर रखेगी। यह ड्रोन २०० मीटर की ऊंचाई पर २ किमी की दूरी तक २५ मिनट की उड़ान भरने में सक्षम है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि जीपीएस आधारित यह ड्रोन कैमरा ऑटो वे पॉइंट नेविगेशन सिस्टम है। यह ऑटो टेक ऑफ, मार्गदर्शन और लैंडिंग करने में मदद करता है और पेलोड के रूप में स्थापित र्५ें ऑप्टिकल जूम वैâमरे के साथ उच्च रिजॉल्यूशन छवियों को रिकॉर्ड करने में सक्षम है। यह ड्रोन टेरेन डिटेक्शन, जियो फेंसिंग और नो फ्लाई जोन फीचर से भी लैस है। इस सर्विलांस ड्रोन का इस्तेमाल विशेष तौर पर सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले मुंबई सेंट्रल, बांद्रा, अंधेरी और बोरीवली स्टेशनों पर किया जाएगा और इसके लिए बाकायदा आरपीएफ को ट्रेनिंग भी दी गई है।
दरअसल २९ सितंबर २०१७ को पश्चिम रेलवे के प्रभादेवी स्टेशन पर जबरदस्त भीड़ के चलते मची भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई थी। त्योहारों के दौरान होनेवाली भीड़ के चलते ऐसे हादसे होने का खतरा बना रहता है इसलिए रेलवे पहले से ही इससे निपटने के लिए अलर्ट रहना चाहती है।
सुमित ठाकुर ने बताया कि ड्रोन का इस्तेमाल रेलवे यार्ड, रेलवे परिसर में संवेदनशीन स्थानों पर निगरानी रखने के लिए भी किया जाएगा, ताकि समय रहते किसी भी अपराध को होने से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि त्योहारों के दौरान भीड़ को नियंत्रण करना और हादसों को रोकना रेलवे के लिए हमेशा से चुनौती रही है। इसी चुनौती से निपटने के लिए एवं यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने यह कदम उठाया है।