मुंबई से मेरठ तक फैला है लुटेरों का नेटवर्क
मुंबई: वैली बाजार में सर्राफा व्यापारी के कर्मचारी से दस लाख के जेवर लूटने के आरोपी बदमाश ने मीडिया के सामने कई सनसनीखेज खुलासे किए। उसने बताया कि मुंबई से मेरठ तक नेटवर्क फैला हुआ है। गैंग में 25 सदस्य हैं। ज्वैलरी शोरूम में काम करने वालों से इस गिरोह की सेटिंग है। उसने बताया कि लूट को अंजाम देकर मुंबई फरार हो जाते हैं। यह गिरोह फर्जी सीबीआई अफसर बनकर भी 52 लोगों को लूट का शिकार बना चुका है।
घंटाघर स्थित एसपी सिटी आफिस में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि बागपत के बड़ौत थाना क्षेत्र के मोहल्ला शेरगान में सर्राफ आलम गिरी का शोरूम है। आलम गिरी मेरठ के सर्राफा बाजार से सोना और चांदी देकर ज्वैलरी तैयार कराते हैं। शुक्रवार को आलम गिरी का नौकर आरिफ आर्डर दी गई ज्वैलरी लेने मेरठ सर्राफा बाजार आया था। करीब दस लाख का सामान लेकर आरिफ जा रहा था। वैली बाजार में तीन बदमाशों ने आरिफ को घेरकर बैग छीन लिया। जान से मारने की धमकी देकर बदमाश भागने लगे। इसी दौरान पुलिस ने एक बदमाश को दबोच लिया। उसके पास से लूटी हुई दस लाख की ज्वैलरी भी बरामद हो गई। उसने मीडिया के सामने बताया कि उसने तीन साथियों के साथ लूट को अंजाम दिया था। उसके दो साथी बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। गिरफ्तार सादिक ने बताया कि अधिकांश घटनाएं सीबीआई अफसर बनकर की है। उसने कहा कि वह सर्राफा व्यापारियों की पहले रैकी करते हैं। इसके बाद उन्हें रास्ते में रोकते हैं। सीबीआई का फर्जी अफसर बनकर उनके साथ लूट करते हैं। अब तक कई लूट को अंजाम दे चुके हैं।
गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि उनके गैंग में 25 से ज्यादा सदस्य है। उनका नेटवर्क मुंबई से मेरठ सर्राफा मंडी तक फैला हुआ है।
देहली गेट पुलिस का कहना है कि अगर वैली बाजार व सर्राफा बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरे ठीक होते तो फरार बाइक सवार लुटेरे भी पकड़ में आ जाते। पुलिस का कहना है कि तीन बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था। एक बदमाश को मौके से पकड़ लिया गया। पकड़े गए बदमाश ने अपना नाम सादिक खान निवासी शिवाजी कॉलोनी पुणे महाराष्ट्र बताया है। उसके दूसरे साथी वसीर निवासी महाराष्ट्र व अहमद निवासी महाराष्ट्र फरार हो गए।