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मुंबई, मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही है। वसूली मामले में परमबीर सिंह के काले कारनामों का जवाब पुलिस सेवा से बर्खास्त सचिन वझे को देना होगा। एनआईए कोर्ट ने वझे को क्राइम ब्रांच की कस्टडी में भेजने का आदेश जारी किया है। १ नवंबर को वझे क्राइम ब्रांच की हिरासत में होंगे।
बता दें कि मुंबई क्राइम ब्रांच गोरेगांव में रहनेवाले एक होटल व्यापारी विमल जैन से हफ्तावसूली की जांच कर रही है। ये वसूली मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के कहने पर की गई थी। सचिन वझे पर आरोप है कि उन्होंने होटल मालिक से जबरन १२ लाख रुपए की वसूली की थी। इस मामले में वझे के अलावा पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, पीआई सुनील माने, रियाज भाटी भी आरोपी हैं। २२ अक्टूबर को मुंबई क्राइम ब्रांच ने सचिन वझे से वसूली कांड की पूछताछ के लिए एएनआई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने इसी मामले को लेकर मुंबई क्राइम ब्रांच को सचिन वझे की कस्टडी सौंपी है। इससे पहले क्राइम ब्रांच पुलिस सेवा से बर्खास्त पीआई सुनील माने से पूछताछ कर चुकी है। क्राइम ब्रांच सूत्रों ने बताया कि आरोपी सचिन वझे की तबीयत खराब चल रही थी लेकिन बाद में जज ए.टी. वानखेड़े ने कहा कि वझे ट्रैवल करने के लिए फिट हैं, ऐसे में १ नवंबर को उन्हें तलोजा जेल से ले जाया जा सकता है।
परमबीर और दो अन्य के खिलाफ रंगदारी मामले में मुंबई के कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले परमबीर के खिलाफ ठाणे की अदालत ने जबरन वसूली के आरोप में गैर जमानती वारंट जारी किया था। बता दें कि पिछले महीने मुंबई क्राइम ब्रांच ने परमबीर को जबरन वसूली के मामले में पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था। मगर वह हाजिर नहीं हुए थे। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने परमबीर के मुंबई व हरियाणा आवास पर जाकर नोटिस भी चस्पां की थी। परमबीर सिंह के विरुद्ध हफ्ता वसूली का एक मामला २३ जुलाई को दर्ज किया गया था। बाद में इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी। इस मामले में उनके साथ मुंबई पुलिस के बर्खास्त एपीआई सचिन वझे सहित कई और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।


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