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इस्सेवाल सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता से मेडिकल जांच में अभद्र व्यवहार मामले में सेहत विभाग की जांच कमेटी ने अपने कर्मचारियों को क्लीन चिट जारी कर दी है। पीड़िता अब सेहत विभाग की जांच रिपोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने की तैयारी कर रही है। 9 फरवरी को एक युवती और उसका दोस्त कार में गांव इस्सेवाल की तरफ घूमने निकले। वहां पर छह आरोपियों ने उनकी कार को घेर लिया और लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।

10 फरवरी की शाम लगभग छह बजे पुलिस पीड़िता और उसके दोस्त का मेडिकल करवाने के लिए सुधार सिविल अस्पताल पहुंची। उस समय इमरजेंसी में डॉक्टर अभिषेक मंगला ड्यूटी पर थे। उन्होंने लड़के का मेडिकल तो कर दिया, लेकिन पीड़िता का मेडिकल करने के लिए एसएमओ नीना नागरा को सूचित करके महिला डॉक्टर भेजने के लिए कहा। महिला डॉक्टर नहीं आने पर पीड़िता को 11 फरवरी को सुबह 9 बजे बुलाया गया। पीड़िता पुलिस के साथ सुबह 9 बजे सुधार अस्पताल पहुंच गई।

मेडिकल जांच करने के लिए डॉक्टर नीलम भाटिया टाइम पर नहीं पहुंची और पीड़िता का मेडिकल दोपहर 2.15 बजे हुआ। पीड़िता का आरोप था कि मेडिकल के समय दो पुरुष अंदर थे। मेडिकल करने वाली डॉक्टर ने उससे कहा कि वह रात के समय वहां क्या करने गई थी, ऐसी लड़कियों के साथ ऐसा ही होता है। वहीं चतुर्थ श्रेणी महिला मुलाजिम ने यह तक कहा कि कुछ नहीं हुआ नखरे कर रही है। 20 फरवरी को पीड़िता ने अपने साथ हुए अभद्र व्यवहार की लिखित शिकायत सिविल सर्जन को दी।

जिला भलाई अफसर डॉ. एसपी सिंह, एसएमओ डॉ. हतिंदर कौर और एसएमओ समराला डॉ. मालविंदर माला की अगुवाई में कमेटी का गठन कर दिया गया। 22 फरवरी को कमेटी के सामने पेश होकर पीड़िता ने अपने बयान दर्ज करवाए। लगभग दो महीने की जांच के बाद कमेटी ने चार पेज की रिपोर्ट पेश करके सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को क्लीन चिट जारी कर दी है। 


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