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ठाणे : ठाणे की एक अदालत ने एक नाबालिग बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के लिए 55 साल के व्यक्ति को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला 2017 का है। विशेष जज (पॉक्सो अदालत) कविता डी शिरभाटे ने पिछले बुधवार को अपने आदेश में आरोपी जर्नादन कापसे पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अभियोजन के मुताबिक 13 दिसंबर 2017 को आरोपी ने लड़की को अपने घर बुलाया और उसका यौन उत्पीड़न किया। लड़की की उम्र उस समय पांच साल थी। लड़की ने घरवालों को घटना के बारे में बताया जिसके कुछ दिन बाद शिकायत दर्ज कराई गई थी और कापसे को गिरफ्तार कर लिया गया। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन ने भारतीय दंड संहिता की धारा 375 सी और 354 ए (यौन उत्पीड़न) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के प्रावधानों के तहत आरोप साबित किया। शिरभाटे ने कहा कि रेकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे अभियोजन के गवाहों, खासकर पीड़िता पर शक हो ।

टीवी देखने के बहाने से बच्चे का यौन उत्पीड़न
इससे पहले पिछले हफ्ते ठाणे की एक अदालत ने 2016 में एक बच्चे के यौन उत्पीड़न के मामले में एक 26 साल के एक व्यक्ति को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। विशेष जज एस पी गोंधलेकर ने पिछले सप्ताह आरोपी मोहम्मद अकरम जकी अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 377 और बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था। अदालत ने अंसारी पर 3000 रुपए जुर्माना भी लगाया।

अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि अंसारी और 12 वर्षीय पीड़ित यहां भिवंडी में एक ही इलाके में रहते थे। अंसारी ने 26 दिसंबर 2016 को बच्चे को अपने घर टेलिविजन देखने बुलाया और उसका यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद उसने लड़के को चेतावनी दी कि वह इस घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताए। उसने पीड़ित को 20 रुपए भी दिए। बच्चे ने घर आकर अपने पिता को इस बारे में बताया जिसके बाद उसके पिता ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आरोपी को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया


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