अवैध निर्माणों पर नजर खटाई में
भाइंदर : राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार सभी मनपाओं में ई गवर्नमेंस लागू करना अनिवार्य किया गया है। इसलिए ई गवर्नमेंस के लिए तकनीकी सलाहकार नियुक्त करने का निर्णय मनपा प्रशासन ने लिया था। ई गवर्नमेंस के माध्यम से अवैध निर्माणों पर नियंत्रण तथा मनपा राजस्व की वृद्धि हेतु नई संपत्तियों की खोज ड्रोन वैâमरे से करने का निर्णय दो वर्ष पूर्व लिया था। लेकिन विगत दो वर्षों से ड्रोन ने कभी उड़ान ही नहीं भरी। जिससे यह योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई है।
शहर के अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने, नई संपत्तियों पर कर लगाने, शहर के वृक्षों की सही संख्या और उसकी देखभाल पर नजर रखने आदि कारणों से संपूर्ण मीरा-भाइंदर शहर का ड्रोन वैâमरे से सर्वेक्षण करने का निर्णय तत्कालीन आयुक्त डॉ. नरेश गीते ने जुलाई २०१७ में लिया था। इस सर्वेक्षण के बाद पूरे शहर का मानचित्र (नक्शा) बनाया जाना था। इस मानचित्र में दर्शाए गए किसी भी निर्माण क्षेत्र में निर्माण कार्य में अंतर दिखाई देने पर तत्काल उसकी जांच की जानी थी। साथ ही अवैध निर्माण पाए जाने पर उस पर मनपा द्वारा कार्रवाई की योजना थी।
पिछले दो वर्षों से यह योजना खटाई में पड़ी हुई है और आसमान की जगह कागजों पर ड्रोन उड़ाया जा रहा है। इस विषय में हाल ही में प्रधान सचिव से बैठक हुई थी। जिसमें तय हुआ कि मुंबई महानगरपालिका इसके लिए जो तकनीकी इस्तेमाल कर रही है। उसी तर्ज पर यहां भी आगामी दो-तीन माह में पूरी तरह इसे कार्यान्वित की जाएगी।