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मुंबई : मुंबई शहर की हरियाली बढ़ाने के लिए मनपा ने १०० भूखंडों पर जापानी मियावाकी तकनीक से शहरी जंगल तैयार करने का निर्णय लिया था। इसमें से पहला जापानी जंगल वरली में साकार होनेवाला है।
वरली के नारायण पुजारी मार्ग पर स्थित खाली पड़े मैदान में जापानी मियावाकी तकनीक से देशी पौधों को लगाने का काम शुरू किया गया है। ३,६०० वर्ग मीटर के खाली भूखंड पर ४२ प्रजाति के दवाई और अन्य ऐसे कुल २,२०० पेड़ मियावाकी की पद्धति से लगाए जाएंगे। वरली के पांडुरंग बुधकर मार्ग, वरली किला, श्रीराम मिल के पास, शंकरराव नरम पथ, गोखले रोड दक्षिण इन जगहों के भूखंड पर जापानी जंगल बनाया जाएगा। सहायक मनपा आयुक्त देवेंद्र जैन ने बताया कि जापानी जंगल के लिए पालघर से विभिन्न देशी पौधे लाए गए हैं। देवेंद्र जैन ने बताया कि जापानी तकनीक से लगाए जानेवाले पेड़ दो से तीन वर्षों में १० से १२ फुट ऊंचे हो जाते हैं। हवा से पेड़ों के बीज ३ किमी परिसर में पैâलाने से उन जगहों पर पैâले दुर्लभ जाति के बीज पेड़ों के रूप में रूपांतरित होते है। दुर्लभ जाति के पेड़ों की संख्या बढ़ाने में जापानी तकनीक कारगर साबित होती है। जापानी तकनीक का इस्तेमाल देशी पेड़ों को लगाने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। देशी पेड़ों की संख्या बढ़ने से पक्षियों का रैन बसेरा भी बढ़ेगा।

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