मुंबई सुरक्षित करने में जुटी सरकार, पाकिस्तान के निशाने पर है महानगर
मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी कही जानेवाली मुंबई पर हमेशा से पाकिस्तान की बुरी नजर रही है। महानगर ने जितने आतंकवादी हमले झेले हैं उतना शायद ही देश के किसी शहर ने झेले होंगे। पाकिस्तान को एक के बाद एक पटखनी देने के बाद अब बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान की सेना व उनके जिहादी फिर से मुंबई को निशाना बनाना चाहते है। ऐसे में अब सरकार ने मुंबई को सुरक्षित करने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो जल्द ही मुंबई को ब्रह्मोस कवच मिलनेवाला है।
बता दें कि मुंबई ने २००२ में बस में बम धमाका, २००३ में विलेपार्ले स्टेशन के बाहर धमाका, २००३ में लोकल में धमाका, ७/११, २६/११ जैसे बड़े आतंकवादी हमले की पीड़ा सही हैं। इस बार अनुच्छेद ३७० हटने के बाद पाकिस्तान सेना और उनके आतंकियों के निशाने पर मायानगरी मुंबई है। इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी पहली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में भारतीय नौसेना के लिए दो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बैटरी को खरीदने का निर्णय ले लिया है। इसके अलावा लगभग १२ हजार करोड़ रुपए की हथियार प्रणालियों के अधिग्रहण का पैâसला किया है। दो मोबाइल मिसाइल तटीय बैटरी को नौसेना के लिए अधिग्रहित किया जाना है। १,४०० करोड़ रुपए की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बैटरी को मुंबई में कार्यान्वित किया जाएगा। यह सुरक्षा कवच का काम तो करेगी ही इसी के साथ दुश्मन युद्धपोत को नष्ट करने में भी सक्षम होगी। सरकारी सूत्रों ने कहा कि नौसेना अपने मौजूदा सिस्टम को बदलने के लिए दो ब्रह्मोस मिसाइल बैटरियों का इस्तेमाल करना चाहती है। इस बैटरी की मदद से पश्चिमी समुद्री तट और शहर सुरक्षित रहेंगे। ब्रह्मोस मिसाइल समुद्र, जमीन व हवा में मौजूद टारगेट को ध्वस्त करने में सक्षम है। बालाकोट में वायुसेना ने ऐसा ही एयर स्ट्राइक किया था। इस मिसाइल का इस्तेमाल शुरू होने के बाद विमानों को दुश्मन की सीमा में जाने की जरूरत भी नहीं पड़ी थी।