मुंबई : पश्चिम रेलवे पर एसी लोकल चलते हुए 18 महीने हो रहे हैं। मुंबई लोकल में किसी भी रेक को 18 महीने बाद पीरियोडिक ओवर हॉलिंग (पीओएच) के लिए भेजना पड़ता है। इस दौरान पूरी ट्रेन के हर एक पुर्जे की जांच की जाती है। पुरानी एसी लोकल को पीओएच के लिए भेजा जा रहा, ऐसे में मुंबई पहुंच चुकी दूसरी एसी लोकल को सेवा में शामिल किया जाएगा। यह रेक भी भारत हैवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड (भेल) द्वारा तैयार की गई है। 

एक अधिकारी ने बताया कि पीओएच के बाद जब पहला रेक सर्विस में लौट आएगा। दूसरे रेक से सेवाएं शुरू हो ही रही हैं। ऐसे में पश्चिम रेलवे के पास सर्विस के लिए दो रेक उपलब्ध रहेंगे। इस स्थिति में शनिवार और रविवार को भी एसी लोकल की सेवाएं चलाई जा सकती हैं, जो अभी नहीं चल रही हैं।  पश्चिम रेलवे के पास भेल द्वारा निर्मित तीसरी लोकल जल्द ही आ रही है। इसे चेन्नै आईसीएफ से रवाना किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि फुल एसी लोकल चलाने का खामियाजा सामान्य सर्विस हटाकर भुगतना पड़ रहा है, इसलिए तीसरे रेक को प्रयोग के तौर पर सेमी लोकल में तब्दील किया जाएगा।  भेल के अलावा मुंबई के लिए हैदराबाद की कंपनी मेधा भी एसी लोकल बना रही है। इसका एक रेक मुंबई आ चुका है। एक अधिकारी ने बताया कि मेधा लोकल के रेक में परीक्षण के दौरान कई परेशानियां आ रही हैं। इसके अभी पार्ट ट्रेन के नीचे होने के कारण मॉनसून सीजन में ट्रायल टाल दिए गए थे। इस रेक को मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत तैयार गया है। 

दिसंबर 2017 में एसी लोकल को पश्चिम रेलवे पर सेवा में शामिल किया गया था। इसके बाद धीरे-धीरे इसकी डिमांड बढ़ने लगी। रेलवे के अनुसार सामान्य लोकल में प्रथम श्रेणी के यात्री एसी लोकल में शिफ्ट होने के लिए तैयार है। मौजूदा एसी लोकल में प्रथम श्रेणी के मुकाबले 1.5 गुणा ज्यादा किराया देना पड़ता है। यदि सेमी-लोकल का प्रयोग सफल नहीं रहा, तो रेलवे एसी लोकल में ही द्वितीय श्रेणी जोड़ने पर विचार करेगी। 


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