सबूतों के आधार पर दिया फैसला हमें होगा मान्य!
लखनऊ : अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आनेवाले पैâसले से पहले जमीयत-उलेमा-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा है कि वर्तमान में देश आंतरिक और बाहरी दोनों स्तर पर चुनौतियों से गुजर रहा है और हालात चिंताजनक हैं। मदनी ने कहा कि मुसलमानों का दृष्टिकोण पूर्णत: ऐतिहासिक तथ्यों, सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर है और बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को तोड़कर या किसी मंदिर की जगह पर नहीं किया गया था। हमें पूर्ण विश्वास है कि कोर्ट का पैâसला आस्था की बुनियाद पर न होकर कानूनी दायरे में होगा और कोर्ट के पैâसले को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ससम्मान स्वीकार करेगी।
अयोध्या मुद्दे पर बोले मदनी
मदनी ने कहा कि आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक मौजूदा परिस्थितियों से लोग डरे सहमे है और एक अविश्वास की भावना आई हैं। मौलाना मदनी ने अनुच्छेद ३७० का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी समस्या का हल सिर्फ और सिर्फ बातचीत से ही निकाला जा सकता है और हमें कश्मीरियों से बातचीत के दरवाजे खुले रखने चाहिए, क्योंकि ताकत के बल पर जन आंदोलनों का मुकाबला नहीं किया जा सकता है और अभी अनुच्छेद ३७० का मामला कोर्ट में है और हमें ये पूर्ण विश्वास है कि कश्मीरियों के साथ न्याय होगा। अंत में मौलाना मदनी ने कहा कि हमारे मतभेद किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से नहीं हैं, बल्कि हमारा विरोध हमेशा से ही उस विचारधारा से है जो देश की गंगा-जमुनी तहजीब और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को खत्म करने की होती हैं।