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उद्धव बोले-बीजेपी के साथ जो युति थी वह अगर खत्म हुई होगी तो वह उन्होंने किया, जो बात उस वक्त हुई, उस पर अमल करो

मुंबई : महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी के साथ गतिरोध की वजह से आखिरकार ऐन मौके तक सरकार नहीं बन पाई और राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। हालांकि शिवसेना ने अभी भी बीजेपी से सुलह के दरवाजे खोल रखे हैं। इसका संकेत शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया। उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बीजेपी ने शिवसेना से रिश्ता तोड़ा है, शिवसेना ने नहीं। दरअसल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने उद्धव से बीजेपी का विकल्प खत्म होने से जुड़ा सवाल किया। इस सवाल पर उद्धव भड़क गए और कहा, 'आपको क्यों इतनी जल्दबाजी है?... यह राजनीति है...6 महीने दिए हैं न राज्यपाल ने। बीजेपी का ऑप्शन मैंने नहीं खत्म किया है, यह बीजेपी ने खुद किया है।' उद्धव आगे बोले, 'मैं लोकसभा चुनाव से पहले अलग जा रहा था, बीजेपी सामने से आई, मैंने उनकी भावना का सम्मान किया। तब पूरे देश में ऐसा माहौल था कि बीजेपी की सरकार नहीं आएगी। ज्यादा से ज्यादा 200, 210 या 220 सीटें आएंगी, तो मैं उस अंधेरे में उनके साथ गया था।'

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा, 'बीजेपी की मेरे साथ जो युति थी वह अगर खत्म हुआ होगा तो वह उन्होंने खत्म किया। जो बात उस वक्त हुई थी, उस पर अमल करो। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी अभी भी इस पर नहीं पहुंच पा रही है लेकिन हर दिन नया ऑफर होता है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने मंगलवार रात मुंबई के होटल ट्राइडेंट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि अहमद पटेल उद्धव ठाकरे से हुई पूरी बातचीत का ब्योरा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को देंगे जिसके बाद सरकार गठन को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

उधर, 24 अक्टूबर से 20 दिन बीतने के बाद भी महाराष्ट्र में कोई भी दल या गठबंधन बहुमत के लिए 145 के जादुई आंकड़े का जुगाड़ नहीं कर पाया। किसी की सरकार बनते न देख राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद मंगलवार शाम महाराष्ट्र में अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। शिवसेना प्रमुख ने पीसी के दौरान यह भी कहा था कि राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने को जरूरी समर्थन पत्र सौंपने के लिए महज 24 घंटे का वक्त दिया था जबकि उन्होंने 48 घंटे का वक्त मांगा था। तीन दिन का वक्त नहीं देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ शिवसेना ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन मामले में तत्काल सुनवाई करवाने का उसका प्रयास विफल रहा।

शीर्ष अदालत बुधवार सुबह याचिका पर तत्काल सुनवाई कर सकती है। सरकार बनाने के लिए शिवसेना को पर्याप्त समय नहीं देने के गवर्नर के फैसले के खिलाफ शिवसेना की याचिका आज सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में मेंशन की जाएगी। आज शिवसेना की तरफ से मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की जाएगी। इसके अलावा शिवसेना राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर करेगी और तत्काल सुनवाई की मांग करेगी। जानकारी के मुताबिक, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल शिवसेना की तरफ से कोर्ट में पेश होंगे।


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