अदालत ने चार आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा, ये थी कत्ल के पीछे बड़ी वजह
बागपत : बागपत जनपद में दोघट थाना क्षेत्र के टीकरी कस्बे में 16 साल पहले हुई रालोद नेता सुधीर राठी की हत्या में चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। मंगलवार को एफटीसी द्वितीय एडीजे रूपाली सक्सेना ने यह फैसला सुनाया। नगर पंचायत चुनाव की रंजिश में यह हत्या की गई थी। एडीजीसी सुरेंद्र यादव और चश्मवीर सिंह ने बताया कि पांच मई 2004 को टीकरी में सुधीर राठी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के भाई नरेंद्र प्रताप सिंह ने कस्बे के ही जयवीर पुत्र दीपचंद, अविनाशी पुत्र बाबूराम, राजीव पुत्र सोमपाल, ऋषिपाल पुत्र बाबू और भीम सिंह उर्फ लाला पुत्र रामचंद्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302, 307 और 504 में चार्जशीट दाखिल की थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय एडीजे रूपाली सक्सेना ने मुकदमे की सुनवाई की। ट्रायल के दौरान आरोपी जयवीर की मौत हो गई थी। मंगलवार को अदालत ने अविनाशी, राजीव, ऋषिपाल, भीम सिंह उर्फ लाला पर दोष सिद्ध किया। धारा 302 में अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड नहीं देने पर चार-चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
वादी नरेंद्र प्रताप सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था कि वह अपने भाई सुधीर राठी के साथ पांच मई की सुबह खेत से घर लौट रहा था। हमलावरों ने रिवाल्वर व तमंचों से उन पर फायरिंग की थी। हत्या के बाद हमलावरों ने लाश के चारों ओर घूम कर भी फायरिंग की थी। हत्या की वजह नगर पंचायत चुनाव की रंजिश बताई गई थी। सुधीर नगर पंचायत का चुनाव लड़ चुका था, जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा था। सुधीर राठी की सियासत की उड़ान अधूरी ही रही। वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव से पहले चौगामा क्षेत्र की पंचायत में सुधीर राठी को बरनावा सीट से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ाने का फैसला हुआ था। मगर, रालोद ने टिकट सतेंद्र सोलंकी को दिया। हालात ऐसे बने कि मतदान नजदीक आते ही रालोद अध्यक्ष अजित सिंह ने समर्थन सुधीर राठी को दे दिया था। सतेंद्र सोलंकी और सुधीर राठी के बीच कांटे का मुकाबला हुआ, लेकिन यहां से भाजपा के त्रिपाल धामा को जीत मिल गई थी। टीकरी नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए वह एक चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। नगर पंचायत चुनाव से ही उनके साथ रंजिश शुरू हुई थी।