ऐक्ट्रेस दीया मिर्जा फिल्म बड़े पर्दे से भले गायब हों लेकिन वह सोशल कॉजेज से भी जुड़ी रहती हैं। हाल ही में उन्होंने उन दिनों को याद किया जाब उनका सामना स्टॉकर से हुआ था। वह बच्चों के एक एनजीओ सेव द चिल्ड्रेन के प्रोग्राम में बोल रही थीं। इसकी वह ब्रैंड ऐंबेसडर भी हैं। दीया ने बताया, 'जब मैं छोटी थी और हैदराबाद में अपने घर में रहती थी तब मैंने भी एक स्टॉकर का सामना किया था। मैं जब गुस्से में उसका नाम पूछा। उस वक्त उस लड़के के पास कोई जवाब नहीं था। किसी को भी ऐसे लोगों से घबराने या इनके बारे में किसी को बताने से डरना नहीं चाहिए। इसमें कोई शर्म की बात नहीं है। यह उस समस्या को खत्म करने की क्षमता के साथ हमें सशक्त बनाता है और इससे एक बड़ा बदलाव भी आता है। इस तरह की चीजें बंद होनी चाहिए। दीया का मानना है कि सुरक्षा सिर्फ कानूनी मुद्दा नहीं है। उन्हें लगता है कि इसकी जड़ें दिमाग में काफी गहराई तक हैं और इसमें पितृसत्तात्मकता का भी हाथ है। हिंसा का प्रदर्शन भी रेप की तरह भयानक रूप ले सकता है। दीया कहती हैं, 'मैं यह जानकर निशब्द रह जाती हूं कि कैसे छोटे बच्चे भी घृणित हिंसा के शिकार हो जाते हैं।'

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