दुष्कर्म पीड़िता की मौत के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने पूर्व ब्लाक प्रमुख धीरज पहाड़पुडियां को गिरफ्तार किया। वहीं दो गांवों के प्रधान और एक वैद्य को हिरासत में लिया है। इन सभी पर आरोप है कि प्रधानी चुनाव की रंजिश के चलते पीड़िता को बरगलाया गया। पीड़िता की वायरल ऑडियो के आधार पर पुलिस नामजद आरोपी को ‘क्लीनचिट’ और पीड़िता के परिवार को ‘कठघरे’ में खड़ा कर रही है। ऑडियो में नामजद आरोपी का भाई किशोरी से बात कर रहा है। जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। ऑडियो का सच जानने के लिए उसे फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा।
मवाना थानाक्षेत्र के एक गांव में बुधवार को दुष्कर्म पीड़िता ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। इस मामले में नामजद दुष्कर्म आरोपी बृजपाल की गिरफ्तारी नहीं होने पर एसएसपी ने इंस्पेक्टर मवाना को लाइन हाजिर किया था। बृहस्पतिवार को किशोरी का एक ऑडियो आरोपी बृजपाल के भाई प्रमोद ने पुलिस को सौंपा। ऑडियो सुनने के बाद पुलिस ने पूर्व ब्लाक प्रमुख धीरज पहाड़पुडियां को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ वैद्य नरेंद्र कुमार और दो गांवों के प्रधानों को हिरासत में लिया।
एसएसपी के मुताबिक, ऑडियो में किशोरी बता रही है कि दुष्कर्म के मामले में बृजपाल को गलत नामजद किया गया। उस पर कार्रवाई कराने के लिए धीरज पहाड़पुडियां और दो प्रधान रोज रात में उसके घर आते थे। पीड़िता को सहारनपुर में बंधक बनाकर रखा गया, ताकि वह पुलिस को सच न बता दे। सहारनपुर में ताऊ ने उससे मारपीट भी की। इस ऑडियो के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस का दावा है कि प्रधानी चुनाव की रंजिश में बृजपाल को फंसाने के लिए साजिश रची गई। इसी से क्षुब्ध होकर किशोरी ने जान दे दी।
पुलिस ने बगैर जांच पड़ताल किए वारदात का खुलासा कर दिया। हालांकि ऑडियो पर पीड़ित परिवार सवाल उठा रहा है। पीड़िता के पिता का दावा है कि दुष्कर्म के मुकदमे के बाद बेटी सहारनपुर नहीं गई। उसके पास कोई मोबाइल भी नहीं था। आरोपी के भाई की पीड़िता से फोन पर बात होना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। पीड़िता के पास आरोपी के भाई का नंबर कहां से आया। ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं।
एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि पूर्व ब्लाक प्रमुख धीरज पहाड़पुडियां मवाना थाने का हिस्ट्रीशीटर और यूपी पुलिस का बर्खास्त सिपाही है। दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने और फिर नामजद आरोपी के खिलाफ पीड़ित परिवार को बरगलाने का काम धीरज ने किया है। इसके चलते उसे गिरफ्तार किया गया है। अन्य लोगों की भी पुलिस जांच करने में जुटी है। यह एक घिनौना अपराध है। नाबालिग लड़की को मोहरा बनाकर दुष्कर्म के आरोप लगाकर साजिश की गई। इस मामले के आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। किशोरी ने जान देकर साबित कर दिया कि वह गलत नहीं थी। परिवार ने किन हालात में यह काम किया है, इसकी जांच चल रही है।

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