‘कोरोना वायरस’ जांच में शामिल होना चाहता है WHO, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था चीन की कठपुतली
विश्व : विश्वस्वास्थ्य संगठन (WHO) चीन में जारी कोरोना वायरस जाँच समिति का हिस्सा बनना चाहता है। आप को बता दे कि चीन में संगठन इस बात की जानकारी जुटा रहा है कि चीन में कोरोना वायरस कैसे फैला? साथ ही WHO को बीजिंग से उम्मीद है कि वह इस जाँच समिति में हिस्सा लेने के लिए उसे न्योता भेजेगा। इस बात की जाँच चल रही है की जानवरों से मनुष्य के शरीर में कोरोना वायसर कैसे आया ? चीन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
ट्रंप ने कहा, उनके पास सबूत है कि वुहान के वॉयरोलॉजी इंस्टीट्यूट से ही कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैला है। ट्रंप ने चीन को चेतावनी दी है कि महामारी फ़ैलाने के आरोप में वह चीन पर 1 ट्रिलियन डॉलर का हर्जाना ठोक सकते हैं। वहीं अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की माने तो अब तक सबूतों की पुष्टि नहीं हुई है कि कोरोना वायरस संक्रमण मानव निर्मित है या लैब में वायरस के साथ जेनेटिकली छेड़छाड़ की गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता तारिक जसरेविक का कहना है कि,कोरोना वायरस को लेकर चीन में जारी साइंटिफिक रिसर्च का एजेंसी हिस्सा बनना चाहती है। वह अपने अंतरराष्ट्रीय साथी के साथ काम करने की इच्छुक है, उन्हें उम्मीद है कि चीन जांच में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस को लेकर चीन पर गंभीर आरोप लगाए है। ट्रंप ने कोरोना को नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जोड़ते हुए कहा था कि “उन्हें हारने के लिए चीन इस तरह की घटिया तरकीब अपना रहा है। कोरोनावायरस से चीन जिस की स्थिति से निपटा है, वह इस बात का सबूत मालूम होता है।” वहीं ट्रंप में WHO को चीन के हाथों की कठपुतली तक कह डाला। ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी पर WHO से कहा, ‘उन्होंने हमें गुमराह किया, हम जल्दी एक सिफारिश लेकर आएंगे, लेकिन हम विश्व स्वास्थ्य संगठन से खुश नहीं हैं। ‘