कोरोना वायरस से दुनिया में मचे कोहराम के बीच अमेरिकी दवा कंपनी मोडेर्ना का वैक्सीन मानव परीक्षण के पहले फेज में सफल रहा है। 45 लोगों को टीका लगाए जाने के बाद यह वैक्सीन इम्युन पैदा करने में सफल रहा और सुरक्षित भी पाया गया है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी रिपोर्ट में वैक्सीन टीम ने कहा है कि जिन लोगों को यह टीका लगाया गया उनमें वायरस को मारने वाला एंटीबॉडी का स्तर काफी ऊंचा मिला है, जोकि कोविड-19 को मात दे चुके लोगों की तुलना में भी अधिक है।

किसी वॉलेंटियर में गंभीर साइड इफेक्ट नहीं दिखा, लेकिन आधे से अधिक लोगों में थकावट, शरीर दर्द, सिर दर्द, ठंड, या इंजेक्शन वाले स्थान पर दर्द जैसे हल्के और मध्यम रिएक्शन दिखे। दूसरे डोज के बाद भी ऐसा होने की संभावना है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी के अंत के लिए वैक्सीन की जरूरत है जिसने लाखों लोगों को संक्रमित किया है और दुनिया में 5 लाख 75 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

मोडेर्ना ने कोरोना वैक्सीन का पहले ह्यून ट्रायल की शुरुआत की थी। वायरस का जेनेटिक सिक्वेंस जारी होने 66 दिन बाद 16 मई को कंपनी ने वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू किया। वैक्सीन की खोज करने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अलर्जी एंड इन्फेक्शस डिजीज के के डायेक्टर डॉ. एंटोनी फौसी ने परिणाम को 'गुड न्यूज' बताया। उन्होंने कहा कि वैक्सीन से कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हुआ और इसने काफी ऊंचे स्तर का एंटीबॉडी उत्पन्न किया है।

उन्होंने कहा, ''यदि आपका वैक्सीन ठीक हुए मरीजों की तुलना में अधिक रेस्पॉंस पैदा कर सकता है तो यह जीत है। इस घोषणा के के बाद मोडेर्ना के शेयर 15 पर्सेंट उछल गए। अमेरिकी सरकार मोडेर्ना वैक्सीन को समर्थन दे रही है। इसके लिए सरकार ने करीब 50 अरब डॉलर दिए हैं।





Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement