मुंबई : शरद पवार की फटकार के बाद पोते पार्थ बनेंगे बागी या रहेंगे साथी?
मुंबई : अजित पवार के बेटे पार्थ पवार को लेकर लगातार तीसरे दिन राकांपा (राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी) की राजनीति में बैठकों, मेल-मुलाकातों का दौर चलता रहा। पार्टी में अजित पवार के खासमखास समझे जाने वाले वरिष्ठ नेता सुनील तटकरे और धनंजय मुंडे ने शरद पवार से मुंबई में मुलाकात की, जबकि अजित पवार खुद पुणे में थे। पार्थ पवार भी शाम को पुणे चले गए। तटकरे और मुंडे की शरद पवार से हुई मुलाकात को राजनीतिक सर्कल में काफी महत्व दिया जा रहा है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अजित पवार ने भले ही खुद इस मामले में मौन साध रखा है, लेकिन उनके दो करीबी लोगों ने अजित पवार और पार्थ पवार की भावनाओं से शरद पवार को अवगत कराया है। हालांकि, पवार से मुलाकात करने के बाद धनंजय मुंडे और सुनील तटकरे ने कहा कि वह पार्थ प्रकरण पर चर्चा करने नहीं आए थे। शरद पवार के साथ सामाजिक न्याय विभाग के कुछ मुद्दों पर यह बैठक थी। सुप्रिया सुले ने कहा कि शरद पवार के बयान को लेकर पार्टी और परिवार में कोई नाराज नहीं है। सब अपना अपना काम कर रहे हैं।
गुरुवार की रात अपने दादा शरद पवार के बंगले पर अपनी बुआ सुप्रिया सुले के साथ करीब दो घंटे की मुलाकात के बाद शुक्रवार को पार्थ पवार ने एक रहस्यमय ट्वीट किया, जिसमें भगवान श्रीगणेश की तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, 'कोरोना के खिलाफ इस संकट पर मात करने के लिए हम सब हरसंभव प्रयत्न कर रहे हैं। हम हार नहीं मानते यह महाराष्ट्र की स्पिरिट है।' राजनीतिक सर्कल में पार्थ के ट्वीट के कई अर्थ लगाए जा रहे हैं। खासकर 'हार नहीं मानते' वाले उनके वाक्य को उनकी चुनौती माना जा रहा है और इस ट्वीट के साथ भगवान गणेश की फोटो पोस्ट करने को पार्टी और परिवार की पॉलिटिकल लाइन से अलग नई राजनीतिक लाइन लेने के 'श्रीगणेश' का उद्घोष माना जा रहा है।