भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर चीफ आफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्‍य विकल्‍पों पर भी विचार हो रहा है। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्‍तान टाइम्‍स को दिए इंटरव्‍यू में जनरल रावत ने कहा कि अगर बातचीत फेल होती है तो सैन्‍य विकल्‍पों पर विचार किया जा रहा है। जनरल रावत ने इशारा किया कि पूर्वी लद्दाख में सेनाओं की तैयारी पूरी है। उन्‍होंने कोई ऑपरेशनल डिटेल्‍स देने से इनकार कर दिया।
कई दौर की बातचीत के बावजूद, पूर्वी लद्दाख में तनाव कम नहीं हो रहा है। भारतीय सेना का साफ स्‍टैंड है कि चीन को अप्रैल से पहले वाली स्थिति बहाल करनी चाहिए। सैन्‍य स्‍तर पर बातचीत के अलावा विदेश मंत्रालय और दोनों देशों के वर्किंग मकैनिज्म फॉर कंसल्टेशन ऐंड को-ऑर्डिनेशन ने भी चर्चा की है। दोनों पक्ष कंपलीट डिसइंगेजमेंट की दिशा में आगे बढ़ने पर बार-बार सहमत हुए हैं लेकिन धरातल पर असर नहीं हुआ।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी कह चुके हैं कि आर्मी हाई अलर्ट पर है। फारवर्ड पोस्‍ट्स के लिए कई हथियार, गोला बारूद और विंटर गियर खरीद रही है। LAC के साथ ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में तापमान सर्दियों के महीनों में शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव कई गुना बढ़ गया था।

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